

बीकानेर , उर्दू अदब की प्रत्तिष्ठित संस्था ग़ज़ल क़बीला की ओर से पंजाब के लुधियाना स्थित गुरू नानक देव भवन में पंजाब के शाही इमाम हजरत मौलाना उस्मान रहमानी की अध्यक्षता में आयोजित अखिल भारतीय मुशायरे के भव्य आयोजन में बीकानेर ही नहीं प्रदेश और देश में अपनी गजल के नए अंदाज और अलग मुहावरे के कारण चर्चित बीकानेर के वरिष्ठ शायर बुनियाद हुसैन ज़हीन को उक्त संस्था द्वारा एशिया महाद्वीप के ख्याति प्राप्त शायर ‘नासिर काज़मी’ सम्मान अर्पित किया गया।
गज़ल कबीला के अध्यक्ष समरयाब खानाबदोश और शाही इमाम उस्मान रहमानी के द्वारा बुनियाद हुसैन को यह प्रत्तिष्ठित सम्मान प्रदत्त किया गया। इस अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय मुशायरे का भी आयोजन रखा गया था। जिसमें पूरे देश के अनेक प्रांतों के नामचीन शायरों ने अपनी सहभागिता निभाई। इसी मुशायरे में बुनियाद हुसैन ने अपने अनूठे और निराले अंदाज में कई गजलें पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ज्ञात रहे कि बुनियाद हुसैन ज़हीन की उर्दू और देवनागरी भाषाओं में अब तक दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें चर्चित गज़ल संग्रह एहसास के रंग, हुनर महकता है, क्या किया जाये, उजाला सो रहा है आदि है, साथ ही आपने अनुवाद कार्य भी किया जिसकी एक पुस्तक है। इसी क्रम में आपने बतौर बाल साहित्य की पुस्तक हिन्दुस्तान के बच्चे बाल कविता संग्रह का सृजन किया। जिसे बाल साहित्य अकादमी जयपुर द्वारा प्रकाशित किया गया। बुनियाद हुसैन ज़हीन को साहिर लुधियानवी सम्मान, राजस्थान सरकार का पुस्तक लेखन सम्मान, बिहारी उर्दू अकादमी का सदरूद्दीन फज़ा सम्मी अवार्ड, नगर विकास न्यास बीकानेर एवं नगर निगम द्वारा सम्मान, उर्दू अकादमी जयपुर की ओर से अयूब खान ’फ़जा’ अवॉर्ड सहित अनेक सम्मान व पुरस्कार मिल चुके हैं।
आप द्वारा भारत सरकार द्वारा आयोजित इन्टरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल उन्मेष-2023 में उर्दू शायर के रूप में अपनी सहभागिता निभाई।
वरिष्ठ शायर बुनियाद हुसैन ज़हीन को ‘नासिर काज़मी’ सम्मान से समादृत होने पर नागरी भण्डार पाठक मंच के नंद किशोर सोलंकी, राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा, उर्दू शायर ज़ाकिर अदीब, क़ासिम बीकानेरी, बाल साहित्यकार गंगा बिशन बिश्नोई, वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा, संस्कृतिकर्मी हरिनारायण आचार्य, संतोष शर्मा, भवानी सिंह, गोपाल गोत्तम, छगन सिंह आदि ने उन्हें बधाई देते हुए इस सम्मान को नगर और प्रदेश का गौरव बताया।