नववर्ष पर विश्वभर में करीब 4,00,000 बच्चों ने जन्म लिया और सबसे अधिक 67,385 बच्चे भारत में जन्मे हैं। यूनिसेफ के अनुसार, नए साल में विश्वभर में करीब 3,92,078 बच्चों ने जन्म लिया और इनमें से करीब 67,385 बच्चे भारत में पैदा हुए हैं । इसके बाद दूसरे नंबर पर चीन है, जहां नववर्ष पर 46,299 बच्चे पैदा हुए। आज जहाँ देश में सबसे ज्यादा चर्चा बेरोजगारी को लेकर है और इसकी सबसे बड़ी वजह जनसंख्या ही है |क्योंकि जनसंख्या वृद्धि के कारण देश की पूंजीगत साधनों में कमी हुई है जिससे रोजगार सृजन में व्यवधान उत्पन्न हो रहे हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है और लगातार जनसंख्या वृद्धि के कारण यहां की उपजाऊ जमीनों में कमी देखने को मिल रही है जिससे कि देश की कृषि उत्पादन क्षमता में काफी कमी आई है। यह कमी हमारे आर्थिक नुकसान का एक बहुत बड़ा कारण है। साथ ही साथ कुपोषण की भी समस्या से हम लगातार ग्रसित होते जा रहे हैं। हम हर लोगों तक के मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंचा पा रहे हैं। जनसंख्या वृद्धि शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मानव के विकास के लिए जरूरी चीजों के लिए भी बड़ा घातक है। जनसंख्या वृद्ध हमारी सरकारों के लिए भी काफी संशय वाली स्थिति पैदा करती हैं। सरकार को बिजली, परिवहन, चिकित्सा, जलापूर्ति, भवन निर्माण इत्यादि जैसी सेवाओं के लिए अधिक व्यय करना पड़ता है जिससे कि अन्य क्षेत्र प्रभावित होते रहते है। इस जनसंख्या विस्फोट का असर हमारे देश में दिखने लगा है। हमारी सुविधाएं सिकुड़ने लगी है। दैनिक जीवन लगातार मुश्किलों में ग्रसित होता जा रहा है। सड़क हो, मेट्रो स्टेशन हो या फिर स्टेशन हो या फिर एयरपोर्ट हो, हर जगह हम इस जनसंख्या के नुकसान को देख सकते है।

लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। अकेले भारत की जनसंख्या लगभग एक 1 35 करोड़ के आसपास है जो कि विश्व की जनसंख्या का 17. 50 है। इतना ही नहीं जनसंख्या विस्फोट की वजह से भ्रष्टाचार, चोरी, अनैतिकता और अराजकता तथा अपराध में भी काफी इजाफा हुआ है। आजादी के समय हमारे देश की जनसंख्या लगभग 35 करोड़ के आसपास थी जो आज 4 गुना ज्यादा बढ़ चुकी है। इस जनसंख्या वृद्धि के लिए कई अनेक कारण जिम्मेदार हैं जैसे कि परिवार नियोजन के कमजोर तरीकें, शिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव, अंधविश्वास तथा विकासन्मुखी सोच की कमी है।

हालांकि हम इस बात से भी इनकार नहीं कर सकते हैं कि किसी भी राष्ट्र के विकास में जनसंख्या की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है और सभी संसाधनों में सर्वाधिक शक्तिशाली एवं सबसे महत्वपूर्ण जो ताकत होती है वह मानव संसाधन की ही होती है। लेकिन अतिशय जनसंख्या वृद्धि कहीं ना कहीं एक राष्ट्र की सेहत के लिए ठीक नहीं है। हमें उन उपायों पर सोचना होगा जिससे कि इस जनसंख्या विस्फोट से बचा जा सके। परिवार नियोजन, जागरूकता, विवाह की न्यूनतम आयु में वृद्धि करना, शिक्षा और सेक्स शिक्षा पर जोर देने के अलावा लोगों को राष्ट्र और समाज के प्रति उसके कार्यों का आभास दिलाना भी होगा।

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