-देखते हैं मुख्यमंत्री गिफ्ट देंगे या नहीं


चंडीगढ़,धर्मपाल वर्मा।जिसके घर में राजनीति होती है उनके बच्चे भी राजनीतिक भाषा में ही बात करते हैं। देखा जाए तो ऐसे परिवारों के बच्चों को जन्म से ही अपेक्षाकृत ज्यादा व्यवहारिक राजनीतिक अनुभव होता है और उनके तौर-तरीके भी यह दर्शाते हैं कि वे राजनीतिक तौर पर बहुत परिपक्व हैं।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवी लाल के परिवार के राजनीतिक हस्तक्षेप की महक राज्य के कोने कोने में महसूस की जा सकती है। चौधरी देवी लाल का परिवार राजनीतिक तौर पर तीन जगह बटा हुआ है । पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला इनेलो के सुप्रीमो हैं।अजय सिंह चौटाला जेजेपी के मुखिया हैं , चौधरी रणजीत सिंह बेशक निर्दलीय विधायक हैं परंतु यह बात सब मान कर चल रहे हैं कि वह एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी विधिवत ज्वाइन कर लेंगे। चौधरी देवी लाल के सबसे छोटे पुत्र स्वर्गीय जगदीश के पुत्र आदित्य देवीलाल बेशक पहले अपने ताऊ पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के सानिध्य में राजनीतिक सफर पर निकले, लेकिन परिस्थितियोंवश वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और आज वे भारतीय जनता पार्टी के सिरसा जिला के अध्यक्ष हैं , 2019 में डबवाली से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। 50000 से भी ज्यादा मत ले गए थे परंतु हार गए। वे मीडिया में सार्वजनिक मंचों पर और पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी राजनीतिक परिपक्वता और तार्किक अभिव्यक्ति के लिए जाने जाते हैं।
इसी शनिवार 11 मार्च को उनका जन्मदिन था। उन्होंने सुबह मुख्यमंत्री मनोहर लाल से टेलीफोन पर बात करनी चाही तो फोन उनके निजी सहायक ने उठाया। बातचीत में आदित्य ने कहा कि आज उनका जन्मदिन है और वह इस अवसर पर मुख्यमंत्री से एक गिफ्ट चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि मुख्यमंत्री उन्हें जन्मदिन के गिफ्ट के तौर पर एक घंटा मिलने का समय दे दे।
जाहिर है आदित्य मुख्यमंत्री मनोहर लाल से 1 घंटे का समय अपने राजनीतिक मकसद के दृष्टिगत मांग रहे होंगे ।वह अपने हल्के की समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं, सिरसा जिले के बारे में राजनीतिक चर्चा कर सकते हैं या आगामी परिस्थितियों पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करना चाहते होंगे। यह तो मुख्यमंत्री को देखना है कि वह उनको गिफ्ट देते हैं या नहीं ।मतलब समय देते हैं या नहीं। लेकिन आदित्य ने जिस तरह से मुख्यमंत्री के पाले में गेंद फेंक दी है वह शुद्ध तौर पर उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
वैसे अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया कि मुख्यमंत्री तक उपरोक्त संदेश पहुंच भी गया है या नहीं और उन्होंने इस बारे में कोई फैसला लिया है या नहीं !

