– कहा, सड़क पर आ गई है कांग्रेस की घर की लड़ाई, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम बीच में आने के बाद भाजपा की केंद्रीय टीम सक्रिय

ओम एक्सप्रेस -जयपुर/ नई दिल्ली

राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बन गया है। गहलोत सरकार गिराने के लिए विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त मामले में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम आने के बाद अब भाजपा की केंद्रीय टीम ने मोर्चा संभल लिया है। प्रकरण में शेखावत के बचाव में आज भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर अशोक गहलोत सरकार की कार्यशैली को कटघरे में रखा।

पात्रा ने कहा कि राजस्थान में सीएम बनने को लेकर शुरू से रस्साकशी थी। कांग्रेस के घर की लड़ाई सड़क तक आ गई है। शुरू से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेद थे।

इस दौरान भाजपा नेता ने कांग्रेस आलाकमान और राजस्थान के नेताओं से कुछ सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा, क्या फोन टेपिंग किया गया? क्या आधिकारिक रूप से फोन टेपिंग किया गया? पात्रा ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।

पात्रा ने पूछा कि क्या आप उनके फोन टेप कर रहे हैं जो किसी दूसरी पार्टी के सदस्य हैं? क्या राजस्थान में यह इमरजेंसी जैसी हालत नहीं है? पात्रा ने पूछा कि क्या एसओपी इस काम में है? इसी के साथ संबित पात्रा ने कहा कि भाजपा इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग करती है। क्या सभी राजनीतिक पार्टी के सभी लोगों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है? इसको लेकर सीबीआई द्वारा तत्कालीन जांच हो।

षड्यंत्र, झूठ और फरेब

पात्रा ने कहा कि राजस्थान में तथाकथित बनाम प्रत्यक्ष का मामला है। हाईकमान से लड़ाई हाईकोर्ट तक पहुंची है। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद शीतयुद्ध की स्थिति बनी रही।

संबित पात्रा ने कहा, राजस्थान में कांग्रेस का राजनीतिक ड्रामा हम देख रहे हैं। ये षड्यंत्र, झूठ फरेब और कानून को ताक पर रखकर कैसे काम किया जाता है, उसका मिश्रण है। वहां जो राजनीतिक नाटक खेला जा रहा है, वो यही मिश्रण है। अशोक गहलोत ने स्वयं मीडिया के सामने आकर कहा है कि 18 महीने से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच में कोई बात नहीं हो रही थी।

मुख्यमंत्री गहलोत से मांगा जवाब

पात्रा ने कहा कि ऑडियो टेप को लेकर जो एफआईआर की गई है उसमें तथाकथित शब्द का इस्तेमाल किया गया है। जबकि कांग्रेस नेता बोल रहे हैं कि यह असली है। यदि यह वास्तविक है तो क्या सभी लोगों के फोन टेप किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा, राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या वे मुख्यमंत्री के तौर पर फोन टैपिंग में लिप्त हैं।