-हाईकोर्ट के फैसले को रखा बरकरार

नई दिल्ली,। भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक सैयद शाहनवाज हुसैन को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दी है, जिसमें रेप की शिकायत में उनके खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश दिया था। शाहनवाज हुसैन पर रेप के आरोप के साथ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था, जिसके बाद शाहनवाज ने याचिका के माध्यम से इस आदेश को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने शाहनवाज हुसैन की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है, जिसके बाद अब उनके खिलाफ रेप सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन आज इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि हमें हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला है। इससे पहले सुप्रीम कोर्टमें सुनवाई के दौरान शाहनवाज हुसैन के अधिवक्ता ने दलील देते हुए कहा था कि महिला की शिकायत फर्जी व दुर्भावनापूर्ण है।
न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाहनवाज हुसैन की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा कि “निष्पक्ष जांच होती है और अगर उन्होंने कुछ नहीं किया है तो वह बरी हो जाएंगे।
2018 में दिल्ली की एक महिला ने कथित रेप के लिए शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया था, इस आरोप को शाहनवाज हुसैन ने नकार दिया था। इसके बाद मजिस्ट्रेटी अदालत ने 7 जुलाई 2018 को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा था कि शिकायत में संगीन अपराध बनता है, जिसके बाद हुसैन ने हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी। फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सवाल किया था कि “पुलिस की रिपोर्ट में चार मौकों पर पीड़िता के बयान दर्ज किया गया है, लेकिन इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं था कि FIR क्यों दर्ज नहीं की गई। मौजूदा मामले में ऐसा लगता है कि पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने में भी पूरी तरह आनाकानी कर रही है।