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वीरभद्र मंदिर जहां स्थित एक विशाल खम्बा अधर झूल रहा है, आजतक कोई नहीं जान सका इनका रहस्य ! चमत्कारी है ये खम्बा
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✍🏼 तिलक माथुर
केकड़ी_राजस्थान
हमारा देश भारत एक अद्भुत देश है। यही वह देश है जहाँ भगवान राम ने जन्म लिया है और यही वह देश है जहाँ महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों ने भी जन्म लिया है। भारत में वैसे तो आपको अनेकों संस्कृति, भाषा, स्थान मिल जाएंगे जो पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है किंतु यहां की कुछ जगह इतनी रहस्यमय है कि विज्ञान भी कई बार कमजोर नजर आता है। जैसा कि हम जानते हैं, कि भारत को पहले सोने की चिड़िया कहा जाता था। भारत के कुछ मंदिर इतने रहस्य से भरे हैं कि कई बार उनके तहखानों में लाखों टन खजाना दबा हुआ मिल जाता है। ऋषि मुनियों के रहस्य से भरी इस देश में कई बातें अकल्पनीय है।
रहस्यजनक चीजों पर से वैज्ञानिकों ने कुछ रहस्यों से तो परदा हटा लिया है लेकिन कुछ अभी भी अनसुलझे हैं ! आज मैं आपको ऐसे ही कुछ चीजों के बारे में बताने जा रहा हूं जिनका रहस्य वैज्ञानिक तक भी नहीं सुलझा सकें हैं, तो आइए जानते हैं..वास्तुशिल्प शैली का एक शानदार नमुना आपको वीरभद्र मंदिर में देखने को मिलेगा, यहां विशाल नंदी मूर्ति, नक्काशी और फ्रेस्को पेंटिंग्स जैसे आकर्षक फीचर्स के अलावा यहां पर मौजूद लटकते खंभे जिज्ञासा उत्पन्न करते हैं, बता दूं कि इस मंदिर में कुल 70 खंभे हैं जो दूसरों से विपरीत, इनमें से एक खंभा तो जमीन के संपर्क में ही नहीं आता है। कहा जाता है कि उस खंभे के नीचे कुछ स्लाइड करके आशीर्वाद की प्राप्ति की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि भारत के आंध्र प्रदेश में स्थित वीरभद्र मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर को लेपाक्षी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर विजय नगर साम्राज्य की वास्तुकला का एक शानदार नमूना है। इस मंदिर में वैसे तो नंदमूर्ति, नक्काशी जैसी कई आकर्षक बातें हैं किंतु इसके लटकते खंबे का रहस्य लोगों के मन में जिज्ञासा भर देता है। इस मंदिर में कुल मिलाकर 70 से ज्यादा खंबे मौजूद है किंतु उनमें से एक खंभा जमीन के संपर्क में नहीं है। गौरतलब है कि एक अंग्रेज इंजीनियर द्वारा 1902 में इस मंदिर के रहस्य को जानने का प्रयास किया गया था। इसके लिए उसने मंदिर के लटकते खंबे को तोड़ने का प्रयास किया। जैसे ही उस खंभे पर हथोड़ा मारा गया, अन्य 69 खंबे भी चटकने लगे थे। 25 फीट तक करीब खंबे पर दरार आ गई थी। यह देखकर वह इतना डरा कि उसके बाद खंबे को छुआ तक नहीं और उसे खाली हाथ ही लौटना पड़ा। आज तक कोई भी यह नहीं समझ सका है कि यह मंदिर का खंबा आखिर कैसे लटका हुआ है। जिस जगह पर यह मंदिर बना हुआ है उस पहाड़ के बारे में रामायण में भी मिलता है। ऐसा मानते हैं कि जब रावण सीता माता का अपहरण करके लंका की ओर निकल रहे थे तो पक्षीराज जटायु ने उनका रास्ता रोका था। इस बीच रावण और जटायु का युद्ध हुआ और जटायु घायल हो गए। इस मंदिर में मौजूद एक निशान को इस कहानी का गवाह मानते हैं। पैर के निशान के पीछे कुछ मान्यता है कि यह दुर्गा माता के पैर हैं, तो कोई इन्हें श्री राम के पैर मानता है। ऐसी भी मान्यता है कि इसी स्थान पर जटायु ने भगवान राम को रावण का पता बताया। कहानी केवल यहीं खत्म नहीं है। इस मंदिर में एक शिवलिंग राम लिंगेश्वर मौजूद है जिसे जटायु के अंतिम संस्कार के पश्चात भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया। मंदिर के बीचो-बीच नृत्य मंडप पर मौजूद है। मंदिर में मौजूद 70 खंभों में से एक खंभा थोड़ा अलग है क्योंकि यह हवा में लटका हुआ है। यह अजूबा वक्त के साथ एक मान्यता बना है। ऐसा मानते है कि यदि कोई खंबे के इस पार से उस पार कोई भी कपड़ा ले जाएगा तो उसकी इच्छा पूरी हो जाएगी