– लोक शिकायत की जांच में कर्मचारी दोषी, हफ्तेभर बाद भी सीओ ने नहीं की कार्रवाई
– त्रिवेणीगंज अनुमंडल में जमीन के जादूगरों का खेल
बिहार(सुपौल)-(कोशी ब्यूरों)-जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल में एक राजस्व कर्मचारी का बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। भूमाफियाओं को लाभ देने के लिए राजस्व कर्मचारी राजेंद्र प्रसाद साह ने 35 साल पुरानी जमाबंदी में ही सेंध लगा दी। रजिस्टर्ड बंटवारा होने के बावजूद राजस्व कर्मचारी ने बरसों पुरानी जमाबंदी फाड़ कर नई जमाबंदी खोल दी। मामले में शिकायत के बाद जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सुनवाई की तो सभी आरोप कर्मचारी पर सही पाए गए। उन्होंने सीओ को राजस्व कर्मचारी साह पर दस्तावेज में छेड़छाड़ और जालसाजी के आरोप में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं, अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को भी कहा है। लेकिन हफ्तेभर पहले जारी इस आदेश के बाद भी सीओ ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं किया है। इससे जमीन विवाद गहरा रहा है।
ये है मामला
त्रिवेणीगंज अनुमंडल के गंभीरपुर मौजा स्थित थाना नंबर-240 में मूंगालाल यादव के नाम खाता 57, 177, 61, 102, 32 में खेसरा 300, 303, 304, 320, 299 का बंटवारा उनके पांच बेटों के नाम किया गया था। 35 साल पहले हुए रजिस्टर्ड बंटवारे में प्रबोध यादव, उत्तमलाल यादव, सुखदेव यादव, लक्ष्मी यादव और सुबोध यादव के नाम नई जमाबंदी कायम कर दी गई। बंटवारा के अनुसार, प्रबोध की 1066, उत्तमलाल की 1067, सुखदेव की 1068, लक्ष्मी की 1069 और सुबोध यादव की 1070 जमाबंदी कायम हुई। इनमें सुखदेव यादव के खाता 57, 177, 61 में खेसरा 300, 303, 304 के तहत 1 बीघा 1 कट्ठा 6 धुर जमीन मिली। इसके अलावा खाता नंबर 102 में खेसरा 320 के तहत 2 कट्ठा जमीन भी मिली। उक्त सभी खेसरे में सुखदेव के नाम 1 बीघा, 3 कट्ठा, 6 धुर जमीन आई। इसी जमीन पर भूमाफियाओं की नजर थी। उन्होंने राजस्व कर्मचारी राजेंद्र प्रसाद साह से मिलकर दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया।
कर्मचारी ने बनाया फर्जी केवाला-
बंटवारे के बाद मूंगालाल का रकबा शून्य हो गया था। लेकिन राजस्व कर्मचारी ने शून्य रकबा वाले मूंगालाल यदव की जमाबंदी की पंजी-2 में पन्ना ही फाड़ दिया। इतना ही नहीं, उसने पंजी-2 में नया पन्ना भी जोड़ा और शून्य रकबे में कई एकड़ जमीन दिखा दी। साथ ही उसने 8 नवंबर 1982 की तारीखा में फर्जी केवाला नंबर-11650 बना दिया। कर्मचारी ने उत्तमलाल यादव के नाम जमाबंदी भी कायम कर दी।
हुई शिकायत, जांच में दोषी मिला कर्मचारी
पूरे मामले में 30 सितंबर को सुखदेव यादव ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से इसकी शिकायत की। इस पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने सुनवाई की तो कर्मचारी पर लगे सभी आरोप सही पाए गए। इसके बाद पांच दिसंबर को उन्होंने कर्मचारी राजेंद्र प्रसाद साह पर जालसाजी और दस्तावेजों में छेड़छाड़ पर एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए। उन्होंने सीओ से यह भी कहा कि उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करें। लेकिन अब तक सीओ ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
मेरे स्तर से जांच अभी नही की गई है दोषी को चिन्हित भी नही किया गया है जांचोंउपरांत दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
-सीओ दिनेश प्रसाद
मामला उनके कार्यकाल का नही है इस मामले जो भी स्पष्टिकरण पूछा जाएगा उसका जबाब दिया जाएगा।
-कर्मचारी दिनेश प्रसाद साह