रिपोर्टर -अवधेश यादव – ओम एक्सप्रेस
आगरा/ खेरागढ़– सरकारें कितने ही दावे क्यों न करें कि उनकी सरकार में सब ठीक हैं और सरकार के नुमाइंदे भी ये दावे करते हैं कि प्रदेश में सब कुछ ठीक चल रहा है लेकिन अफसरशाही के ढुल-मुल रवैये और कुछ चन्द अधिकारीयों की कारगुज़ारी सरकारों पर इस कदर हावी रहती है कि ये सरकारों के सब कुछ सही होने के दावे धड़ाम होते हुये नज़र आते हैं हैरान करने वाली बात ये भी है कि जब कोरोना के दौर में तालाबन्दी से सब कुछ थमा हुआ है इस समय भी अगर कुछ विभागों में अवैध बसूली हो रही है तो ये आखिर किसकी शह पर हो रही है क्या कुछ चन्द अधिकारी इस दौर का भी फायदा उठाना चाहते हैं, अवैध बसूली भी किसानों से जुड़े हुये विभागों में हो तो सरकार और उनके दावों पर सवाल खड़े होना लाजिमी हैं कि सरकार के नुमाइंदे ही सरकार के काम पर पलीता लगाकर सिर्फ और सिर्फ अपनी तिजोरी भरने में जुटे हुये हैं और अन्नदाता के लिये किये जा रहे दावों और उनकी हकीकत में बहुत बड़ा फर्क है
मामला आगरा जनपद की तहसील खेरागढ़ का है यहाँ मण्डी समिति के अधिकारी और कर्मचारी इतने निरंकुश हैं कि ये बिना किसी डर के खुलेआम अवैध बसूली करते हैं दरसल मण्डी समिति के सचल दल सिर्फ इसीलिये सक्रिय रहते हैं कि अगर विभाग में अगर विभिन्न करों की चोरी हो रही है तो नियमानुसार चोरी करने वाले से उचित कर बसूला जाये सिर्फ इसी बात का फायदा उठा रहा है मण्डी समिति खेरागढ़ यहाँ बाकायदा एक स्थाई और चरणबध्द तरीके से नियमित तौर पर बसूली की जा रही है मामला आगरा थाना सैंया क्षैत्र के ग्वालियर हाइवे का है जहाँ मंडी समिति के नाम पर आलू से भरे ट्रकों से बसूली का खेल चलता है।
-: प्राइवेट गाड़ी पर उत्तर प्रदेश सरकार लिख दिखाया जाता है रॉब
दरसल थाने से चन्द कदम पहले आगरा ग्वालियर हाइवे पर इन लोगों ने निश्चित जगह पर अपना अड्डा बना रखा है और यहीँ एक प्राइवेट सफेद रंग की गाड़ी खड़ी होती है जो कि किस अधिकारी की है नहीं पता कहने को तो ये गाड़ियां अधिकारीयों के आवागमन के लिये उपयोग में लाई जाती हैं लेकिन यहाँ इसका उपयोग बसूली के लिये किया जाता है यहाँ एक सफेद रंग की गाड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार लिख कर खड़ा कर दिया जाता है जिससे आलू लेकर जाने वाले ट्रकों को भय दिखाकर रोका जा सके और होता भी यही है यहाँ हर एक ट्रक वाला बिना किसी बाद- विवाद के उनकी एक तय रकम हाथ में थमाकर चलता बनता है।
-: कैमरे में कैद कारगुज़ारी
सूत्रों के मुताबिक स्थानीय किसानों की शिकायत थी कि यहाँ आलू के ट्रकों को रोक कर उनसे बसूली की जाती है और काफी लम्बे समय से देखा जा रहा था कि आगरा ग्वालियर हाइवे पर एक निर्धारित पॉइंट पर एक सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखा था के आस पास 8 से 10 की संख्या में लोग रहते हैं जो कि किसी भी विभाग से सम्बध्द नहीं हैं इनको सिर्फ और सिर्फ बसूली के लिये रखा गया है दरअसल कैमेरे में जो वीडियो कैद हुआ है उसमें जैसे ही आलू से भरा हुआ ट्रक आता हुआ दिखता है ट्रक को देखते ही सामने बसूली पॉइंट पर एक युवक सक्रिय होता है और ट्रक चालक से पैसे ले कर चलते बनता है कुछ ऐसा ही वाकया दूसरे ट्रक के साथ भी होता है फिर से यही क्रम दोहराया जाता है और फिर ये क्रम लगातार चलता रहता है बतौर ट्रक ड्राइवर यहाँ पर प्रति ट्रक 300 से 500 तक की रकम बसूली जाती है अब इस कमाई का हिस्सा कहाँ कहाँ जाता है और किन लोगों को इसका संरक्षण प्राप्त है इसके बारे में तो विभाग के अधिकारी ही बेहतर बता पायेंगे
-: कैमरा देखते ही बदले सचिव के सुर
मण्डी समिति खेरागढ़ के भी इसमें कई रॉय हैं एक दिन पहले सचिव बोलते हैं कि ये बसूली यहाँ कई सालों से चल रही है वहीँ जब वीडियो के बारे में उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि मंडी समिति से सिर्फ तीन लोग ही कर बसुलने को अधिकृत हैं इस तरह मण्डी समिति सचिव खुद के बनाये हुये जाल में ही उलझे नज़र आये, बसूली स्थल पर जैसे ही कैमरा देखा आनन फानन में मण्डी समिति सचिव को पुलिस की याद आने लगी और पुलिस को विभिन्न माध्यमों से अवैध बसूली की शिकायत की जाने लगी ऐसे में अब तक अनिभिज्ञ रहने की मण्डी सचिव की भूमिका पर सवाल उठने लाजिमी हैं।
बहरहाल किसान हितेषी होने का।दावा करने वाली सरकारों के राज्य में अन्नदाता से जुड़े विभागों में इस तरह की कारगुज़ारी सामने आने पर क्या कार्यवाही की जायेगी ये देखने वाली बात होगी।