बीकानेर, 16 नवंबर। जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पाल गौतम ने नगर निगम चुनाव 2019 के लिए शनिवार को मतदान किया। गौतम ने सैनिक विश्राम गृह में बने मतदान केंद्र पर लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर, अपने मत का प्रयोग किया।
मतदान के बाद गौतम ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव भारत की प्रजातांत्रिक प्रणाली के विकेंद्रित स्वरूप का द्योतक है। प्रत्येक मतदाता को अपना पक्ष मत के माध्यम से स्पष्ट रूप से व्यक्त करने का अधिकार है। मताधिकार केवल राजनीतिक अधिकार ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है। इसी माध्यम से हम अपनी प्रजातांत्रिक प्रणाली को और अधिक प्रजातांत्रिक बनाने में सक्षम हो सकेंगे तथा लोकतंत्र और मजबूत हो सकेगा।

इसके बाद गौतम शहर के विभिन्न बूथों पर मतदान प्रक्रिया का निरीक्षण किया। उन्होंने रतन बिहारी पार्क, मुख्य डाकघर, महिला मण्डल, बी.के.स्कूल, बीजेएस रामपुरिया काॅलेज के मतदान केन्द्रों का जायजा लिया। उन्होंने इन केन्द्रों पर मतदान कार्मिकों से बातचीत की और शान्तिपूर्ण मतदान के लिए निर्देशित किया। उन्होंने इस दौरान कानून व्यवस्था बाबत भी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि निगम चुनाव के तहत हो रही मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से शांतिपूर्वक है तथा कानून व्यवस्था पर पूरी नजर बनाए रखी जा रही है।
निगम चुनाव में हुए मतदान के प्रति मतदाताओं का सुबह सर्दी होने बावजूद उत्साह देखा गया। माॅर्निंग वाॅक पर जाने वाले मतदाता आज अपना वोटिंग आई.डी.साथ लेकर, निकले थे। जैसे ही सुबह सात बजे मतदान प्रक्रिया शुरू हुई, इन मतदाताओं ने घर लौटने से पहले मतदान कर, लोकतंत्र में आस्था जताई। इस दौरान मतदाताओं का कहना था कि हमने शहर की साफ-सुथरी सरकार के लिए स्वच्छ छवि के प्रत्याशी को वोट किया है। सुबह से ही मतदान केन्द्रों पर महिला एवं पुरूष मतदाताओं की कतार देखी गई।
रविवार को सड़कों की होगी सफाई- जिला कलक्टर ने मतदान केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान शहर में साफ-सफाई का भी जायजा लिया। कोटगेट पर गंदगी देख उन्हांेने निगम आयुक्त से कहा कि रविवार को सफाई कार्मिकों का अवकाश रद् करते हुए बरसात के बाद हुए कीचड़ की सफाई करवाई जाये। उन्होंने कोटगेट के एक गेट के आगे पड़ी मिट्टी को हटवाकर सफाई करवाने के निर्देश दिए।

लोकतंत्र के अनूठे सिपाहीः जिन्होनें आजादी से अब तक हर बार वोटिंग की-बीकानेर नगर निगम चुनाव में वोट देने वाले अंबालाल आचार्य ऐसे मतदाता हैं जिन्होनें देश में आजादी के बाद अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं उन सभी चुनावों में वोट दिया है। वार्ड संख्या 60 के एनडी माडर्न स्कूल बूथ में वोट देने आए 95 साल के मतदाता अंबालाल आचार्य को 1951 में दिया गया पहला वोट अब तक याद हैं, उस चुनाव को याद कर कहते हैं, तब लोकसभा-विधानसभा दोनों चुनाव साथ हुए थे, डाॅ.करणीसिंह लोकसभा के निर्दलीय प्रत्याशी थे, उनका जो चुनाव निशान था वही विधानसभा का चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी मोतीचंद का भी था, देश में पहली बार वोटिंग हुई थी, किसी को प्रक्रिया की ज्यादा जानकारी नहीं थी, लोकसभा में डाॅ.करणीसिंह जीते वहीं विधानसभा में निर्दलीय मोतीचंद ने आरआरपी के दीनानाथ को 549 वोटों से हराया।

रियासतों का शासन, अंग्रेजांे का दबदबा, आजादी का आंदोलन और आजादी मिलने से लेकर अब तक की लोकतांत्रिक यात्रा के साथी आचार्य के वोटिंग के प्रति उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक बार हाॅस्पिटल में भर्ती होने के बावजूद वोट देने बूथ पर आए, एकबारगी नागपुर से बीकानेर बगैर रिजर्वेशन इसलिए आए ताकि वोटिंग का दिन न निकल जाएं।