– उपचुनाव में शिव का ध्यान किसान-मजदूर वोट बैंक पर
भोपाल । मप्र में होने वाले 24 विधानसभा सीटों के उपचुनावों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में जहां कार्यकर्ताओं में असंतोष को रोकने जोर आजमाइश चल रही है, वहीं वोटरों को लुभाने भी तरह तरह के प्रयास पार्टियां कर रही हैं। कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से किसान और मजदूरों की समस्या को हथियार के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मजदूरों को लॉकडाउन में उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था के इंतजाम किए।
हम बता दें, प्रदेश में अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों में करीब छह लाख मजदूर चम्बल-ग्वालियर संभाग के हैं, जहाँ हॉल ही में सोलह सीटों पर चुनाव होना है। इसी तरह किसानों की कोरोना महामारी से माली हालत में सहकारी बैंकों से शून्य ब्याज पर लिया कर्ज नहीं चुका पाने की दिक्कत थी, जिसकी समय सीमा 31 मई समाप्त हो चुकी है। कर्ज नहीं चुकाने पाने वाले लाखों किसानों को डिफाल्टर होने का खतरा था। राज्य सरकार अब किसानों को कर्ज चुकाने की समयसीमा अगस्त अंत तक करने जा रही है। हालांकि केंद्र सरकार ने राज्यों को किसानों को कृषि कर्ज के लिए दी जाने वाली अनुदान राशि के लिए समय सीमा पहले ही अगस्त अंत तक बढ़ा दी है । केंद्र सरकार से राज्य सरकार को किसानों के कर्ज पर 5त्न ब्याज अनुदान के रूप में मिलते हैं। अब केंद्र की समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद राज्य सरकार भी किसानों के लिए अगस्त तक कर्ज जमा करने की समय सीमा बढ़ाने की तैयारी में है।
बहरहाल प्रदेश में उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की कतई किसानों के मामले में जोखिम नहीं लेना चाहते। उन्हें इन किसान-मजदूर के वोटों की कीमत भलीभांति पता है। इसके साथ ये भी तय है कि आगामी 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों के परिणाम ही तय करेंगे कि सूबे में सरकार किसकी होगी और मुख्यमंत्री कौन होगा। कारण कि कांग्रेस भी सत्ता में वापसी करने पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरी है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने उपचुनावों वाली प्रत्येक विधानसभा सीट पर अलग रणनीति के साथ चुनाव में उतरने की योजना बनाई है। लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह किसानों और मजदूरों को राहतों की घोषणा की हैं, उससे ये वर्ग उपचुनावों में भाजपा को राहत पहुंचा सकता है। उल्लेखनीय है कि जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं वहां किसान और मजदूर वर्ग का वोटर है।