“द्रौपदी के स्वयंवर में जाते वक्त “श्री कृष्ण” ने अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं कि, हे पार्थ तराजू पर पैर संभलकर रखना, संतुलन बराबर रखना, लक्ष्य मछली की आंख पर ही केंद्रित हो उसका खास खयाल रखना,
तो अर्जुन ने कहा, “हे प्रभु ” सबकुछ अगर मुझे ही करना है, तो फिर आप क्या करोगे, ???
वासुदेव हंसते हुए बोले, हे पार्थ जो आप से नहीं होगा वह में करुंगा,
पार्थ ने कहा प्रभु ऐसा क्या है जो मैं नहीं कर सकता, ???वासुदेव फिर हंसे और बोले, जिस अस्थिर, विचलित, हिलते हुए पानी में तुम मछली का निशाना साधोगे , उस विचलित “पानी” को स्थिर “मैं” रखुंगा !!
यहाँ इस कथा को स्मरण दिलाने का उद्देश्य यह है कि आप चाहे कितने ही निपुण क्यूँ ना हो , कितने ही बुद्धिवान क्यूँ ना हो , कितने ही महान एवं विवेकपूर्ण क्यूँ ना हो , लेकिन आप स्वंय हरेक परिस्थिति के उपर पूर्ण नियंत्रण नहीँ रख सकते .. आप सिर्फ अपना प्रयास कर सकते हो , लेकिन उसकी भी एक सीमा है |”
प्रदेश में अब तक ४५१ संक्रमित और ३७ मौतें हाे चुकी हैं। भोपाल से सटे विदिशा में एक दिन में ११ नए संक्रमित मिले हैं। इंदौर में कल २२ नए संक्रमित मिले थे । दो डाक्टरों के निधन के भी इंदौर से समाचार मिले हैं | वहां अब तक २३५ संक्रमित और २६ मौतें हो चुकी हैं, भोपाल में१०९ संक्रमित हो चुके हैं। यहां एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। राज्य सरकार के संक्रमण रोकने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पब्लिक हेल्थ एक्ट की धारा ७१ ( १ ) के तहत पूरे प्रदेश में मास्क पहनना जरूरी कर दिया है। इसके तहत अब लोग घर से बाहर बिना मास्क के नहीं निकल सकेंगे। जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार ने२० जिलों में जहां संक्रमित मिले, वहां की ४६ बस्तियों को हॉटस्पॉट मानकर सील करने के आदेश दिए हैं।
शिवराज अकेले ही मैदान में हैं | उनकी टीम नहीं बन पा रही है, संविधान भी उनकी ओर इशारा कर रहा है | उनकी दलगत और समझौतागत मजबूरियां हैं, यह सब जानते हैं | जिनके साथ वे समझौता करके आये हैं, वे प्रदेश के नागरिकों के मौत से भी नहीं पसीज रहे हैं | राजे- महाराजे की कहानियाँ उनके क्षमाशील और दयावान होने का सुबूत देती है | लेकिन अब ये लगने लगा है कि वे दिन चले गये | प्रतिपक्ष का रवैया भी सिर्फ आलोचना तक सीमित है,वो आपदा प्रबन्धन में मदद की बजाय चलते बैल को आर लगाने में जुटा है |