बीकानेर। जिले की जिन ग्राम पंचायतों व गांवों में मनरेगा के तहत एक भी श्रमिक नियोजित नहीं है, उस ग्राम पंचायत के ग्राम सेवक के वेतन से 1 हजार रूपये की कटौती की जायेगी।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम की अध्यक्षता में गुरूवार को कलेक्ट्रट सभागार में ग्रामीण विकास योजनाओं की विस्तार से हुई समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।
गौतम ने पंचायत समिति वार मनरेगा, पीएम आवास, सांसद व विधायक निधि कोष से स्वीकृत कार्यों की जानकारी ली और कहा कि माह फरवरी 2019 में जिले में मनरेगा श्रमिकों की संख्या 1 लाख 13 हजार थी, जो वर्तमान में 30 हजार ही रह गई है। उन्होंने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सभी विकास अधिकारी इस संबंध में रूचि लेकर स्वीकृत सभी कार्यों पर श्रमिकों को नियोजित करे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में ’काम मांगों अभियान’ की शुरूआत कर, मनरेगा में श्रमिक संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत तथा उसके गांव में कार्य प्रारंभ किए जाए। उन्होंने कहा कि इस समय मनरेगा में कार्य करवाने का अनुकूल समय है। अतः प्राथमिकता से स्वीकृत कार्यों के मस्टरोल इश्यू करे। प्लानिंग के साथ कार्यों पर श्रमिक नियोजित करें। उन्होंने कहा कि श्रमिक संख्या बढ़ाने के लिए सबसे पहले पूर्व में जिन श्रमिकों ने 80 से 100 दिन रोजगार प्राप्त कर लिया है,उन्हें सबसे पहले काम दिया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम सेवक, रोजगार सहायक तथा पीओ को निर्देशित किया जाए कि वे श्रमिकों को फार्म नम्बर 6 उपलब्ध कराएं ताकि वे रोजगार मांग सके। लोगों को भरोसा दिलाए कि फार्म नम्बर 6 भरने के बाद आवश्यक रूप से उन्हें रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि आगामी एक सप्ताह में जिले में मनरेगा में 1 लाख श्रमिक नियोजित हो जाए,यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिस कार्य पर मजदूरी कम रिपोर्ट हो रही है,उसके मेट के विरूद्ध कार्यवाही की जाए।
उन्होंने सांसद एवं विधायक द्वारा विकास कार्य करवाने की अभिशंषा के बारे में फीड बैक लिया और निर्देश दिए जिस विभाग के अन्तर्गत कार्य होना है, उससे जिला परिषद भूमि संबंधी से रिपोर्ट प्राप्त करें। सार्वजनिक निर्माण विभाग से कार्य की तकनीकी स्वीकृत आदि की जानकारी ली जाए। भूमि संबंधी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए विकास अधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्य करें। जिन विभागों से ये कार्य करवाने है,उनसे समन्वय करें। विभागीय अधिकारी भी यह सुनिश्चित करें, उनके विभाग द्वारा जो कार्य करवाने है, उसके संबंध में जिला परिषद को तथ्यात्मक जानकारी दी जाए।