_केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर दो बार एक्साइज ड्यूटी में कमी की, अब राज्यों की जिम्मेदारी है VAT घटाने की


नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फिर कहा है कि महंगाई में कमी लाने की जिम्मेदारी सिर्फ केंद्र सरकार की नहीं है। महंगाई में कमी लाने में राज्य सरकारों को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महंगाई पर काबू पाने का साझा प्रयास होना चाहिए और यह केंद्र और राज्य दोनों की जिम्मेदारी है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर दो बार एक्साइज ड्यूटी में कमी की है, अब राज्यों की जिम्मेदारी है VAT घटाने की। वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में महंगाई दर राष्ट्रीय स्तर से भी ज्यादा है जो चिंता का कारण है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में पेट्रोल डीजल पर वैट नहीं घटाने के चलते महंगाई दर ज्यादा बना हुआ है। LICRIER द्वारा महंगाई को लेकर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ने महंगाई से आम आदमी को राहत देने के लिए कई कदम उठाये हैं। सरकार ने स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाया है जिससे घरेलू कीमतों और उत्पादकों के हितों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि ग्लोबलाइजेशन के चलते महंगाई बढ़ी है और केंद्रीय बैंक इस पर काबू पाने के प्रयास कर रही है।
_महंगाई अब सबसे बड़ी चुनौती नहीं
इसके पहले बुधवार को भी वित्त मंत्री ने कहा था कि महंगाई सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा नौकरियां का सृजन और आर्थिक समानता के लक्ष्य को हासिल करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा था कि कुछ प्राथमिकताएं लाल अक्षर वाली होती हैं जिसमें उन्होंने कहा कि नौकरियों का सृजन, समान धन वितरण यानि आर्थिक समानता और देश को विकास के पथ पर आगे लेकर जाना लाल अक्षर वाली प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि उस लिहाज से देखा जाए तो महंगाई लाल अक्षर वाली प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनो में महंगाई पर काबू पाने में केंद्र सरकार ने सफलता हासिल की है।
