बीकानेर ( ओम एक्सप्रेस )।पश्चिमी राजस्थान के हरिद्वार तुल्य माने जाने वाले सांख्य दर्शन के प्रणेता महर्षि कपिल मुनि की तप:स्थली श्रीकोलायत में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं का रैला उमड़ पड़ा। सुबह मौसम सर्द रहा, लेकिन इसका ज्यादा असर श्रद्धालुओं की आस्था पर नहीं दिखा। अलसुबह से ही सरोवर के घाटों पर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ है। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं और साधु संतों का आना जारी है और यह क्रम दिनभर चलेगा।
श्रद्धालुओं ने कपिल सरोवर की पूजा अर्चना कर स्नान किया। वहीं कुछ लोगों ने 52 घाट का पूजन करने के साथ 52 घाट पर तीर्थ स्नान करने का पुण्य कमाया। दिन चढऩे के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती देखी गई। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से जगह जगह पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए।
अलसुबह ब्रह्ममुर्हूत में कपिल सरोवर में तीर्थ स्नान का शुरू हुआ सिलसिला दिनभर जारी रहा। कपिल सरोवर के मुख्य घाट सहित सभी 52 घाटों पर स्नानार्थियों का दिन भर जमघट लगा रहा। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने कपिल सरोवर की परिक्रमा कर महर्षि कपिल मुनि मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर दान-पुण्य कर रहे हैं।
कार्तिक मास की एकादशी से शुरू हुआ पंच तीर्थ स्नान का आज समापन हो जाएगा। ऐसी मान्यता है कि सांख्य दर्शन के प्रणेता महर्षि कपिल मुनि ने यहीं पर तपस्या की थी तथा छोटी सी उम्र में उन्होंने अपनी माता देवहुति को सांख्य दर्शन का पहला ज्ञान बोध करवाया था। ऐसी भी मान्यता है भी है कि जब तक देश के किसी भी तीर्थ पर तीर्थ स्नान करने के बाद जब तक श्रीकोलायत तीर्थ पर स्नान नहीं किया जाता। तब तक अन्य तीर्थ मान्य नहीं होते। इस मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन इस बार इनकी संख्या नगण्य रही।
मौसम पर आस्था रही भारी
सुबह से ही मौसम सर्द होने के बावजूद श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया। सर्दी को लेकर मान्यता है कि पूर्णिमा के स्नान के बाद तीर्थराज कपिल सरोवर का जल हिलने से सर्दी की शुरुआत हो जाती है। कार्तिक महास्नान के दौरान बाजारों में खासी भीड़ रही। दूर दराज से आए लोगों ने यहां खरीदारी भी की। दुकानदारों के चेहरे पर भी रौनक दिखाई दी। दुकानों पर लोगों की खासी भीड़ रही।
शाम को सरोवर में होगा दीपदान
कपिल सरोवर में दिनभर तीर्थ स्नान के बाद शाम को श्रद्धालु कपिल सरोवर में दीपदान करेंगे। ऐसे में कपिल सरोवर के घाट तथा दीपदान की पानी में झलक देखने के लिए शाम को भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही है। इस मौके पर कपिल मुनि के साथ-साथ मुख्य घाट पर गंगाजी की आरती भी होगी।
मृगला तीर्थ स्नान का भी पुण्य
वैसे तो पांच दिवसीय श्रीकोलायत में कार्तिक मेला आज सम्पन्न हो जाएगा, किंतु मृगला स्नान का विशेष महात्म्य होने के कारण कल सवेरे भी श्रद्धालु श्रीकोलायत स्थित कपिल सरोवर तथा यहां से ढाई किलोमीटर दूर स्थित जागेरी धाम स्थित जागेरी सरोवर में मृगला तीर्थ स्नान का पुण्य कमाएंगे। वैसे मेले के दौरान यहां लगा ग्रामीण हाट अगले कई दिनों तक चलेगा। यहां आसपास के लोग पहुंचकर खरीदारी करते है।
दो संस्कृतियों का संगम
सांख्य दर्शन के प्रणेता महर्षि कपिल मुनि की तप: स्थली होने के साथ-साथ श्रीकोलायतजी में गुरुनानकदेव साहब भी पहुंचे थे। ऐसे में जितना हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए इस तीर्थ का महात्म्य है उतना ही सिख श्रद्धालुओं का भी। यहां अमृतसर की तर्ज पर बड़ा गुरुद्वारा साहिब भी है और आज कार्तिक पूर्णिमा के साथ-साथ गुरुनानक देवजी की जयंती होने के उपलक्ष में जितने हिन्दू श्रद्धालु पहुंचते है। उतने ही सिख श्रद्धालु भी पहुंचते है। इस लिए इस तीर्थराज को दो संस्कृतियों का संगम भी कहा जाता है।
धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्णाहुति
पांच दिवसीय श्रीकोलायत मेले के आज समापन होने के साथ-साथ कार्तिक एकादशी यानी देवउठनी एकादशी के साथ यहां स्थित अखाड़ों, आश्रमों, गुरुद्वारों, मंदिरों सहित सावर्जनिक स्थानों पर चल रहे अनेक प्रकार के धार्मिक आयोजनों की भी पूर्णाहुति हो जाएगी।
सामाजिक सम्मेलनों की रही धूम
पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा व महत्वपूर्ण तीर्थ होने की वजह से श्रीकोलायत तीर्थ राज में लगभग सभी जाति व वर्गों की धर्मशालाएं है। कार्तिक पूर्णिमा मेले के अवसर पर पहुंचने वाले श्रद्धालु इन्हीें धर्मशालाओं में ठहरते है। यही नहीं साल में एक बार सामाजिक मिलन भी होता है। ऐसे में समाज, जाति, वर्ग के साथ-साथ अपनी-अपनी धर्मशालाओं के विकास को लेकर कार्तिक पूर्णिमा मेले के अवसर पर सामाजिक सम्मेलनों का आयोजन भी होता चला आ रहा है।