-एनसीपी के अजित पवार अब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम -8 विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे थे, -शिंदे-फडणवीस की मौजूदगी में सभी मंत्री बनाए गए


मुम्बई , । महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ है. एनसीपी नेता अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है. इसके साथ ही कई विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।अजित पवार 8 विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, सुनील वलसाड, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के साथ दोपहर करीब 2 बजे राजभवन पहुंचे थे। 3 बजते-बजते शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडवणीस मौजूदगी में सभी को मंत्री पद की शपथ दिला दी गई।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, अजित समेत बाकी विधायक शरद पवार के पटना में विपक्षी एकता बैठक में मंच साझा करने और राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के एकतरफा फैसले से नाराज थे।
महाराष्ट्र में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके कुछ महीने बाद ही आम चुनाव हैं। अजित के शामिल होने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम विधानसभा और लोकसभा में पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे। महाराष्ट्र भाजपा चीफ चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि 40 NCP विधायकों का समर्थन हमें है।
-अजित के डिप्टी सीएम बनने के बाद 3 बड़े बयान…
1. शरद पवार बोले- मुझे लोगों का समर्थन, मैं मजबूत हूं
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा- मेरी अभी शरद पवार जी से बात हुई। शरद पवार जी ने कहा कि वो मजबूत हैं और उन्हें लोगों का समर्थन प्राप्त है। हम उद्धव ठाकरे के साथ फिर से सब कुछ पुनर्निर्माण करेंगे। लोग इस गेम को ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं करेंगे।
2. एकनाथ शिंदे बोले- अब ट्रिपल इंजन की सरकार
एकनाथ शिंदे ने कहा- अजित पवार के आने से सरकार को फायदा होगा। प्रदेश तेज गति से विकास करेगा। अब ट्रिपल इंजन की सरकार हो गई है।
3. जो हुआ वह महाराष्ट्र के हित में है-फडणवीस
फडणवीस ने कहा- आज जो हुआ वह महाराष्ट्र के हित में है। भाजपा, शिंदे और अजित पवार… तीनों मिलकर महाराष्ट्र के विकास को गति देंगे।
अजित ने सुबह विधायकों की मीटिंग ली, सुप्रिया मौजूद थीं पर शरद पवार को जानकारी नहीं थी
अजित पवार ने रविवार को मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों के साथ मीटिंग की। इसमें पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले मौजूद थीं। अजित पवार के राजभवन पहुंचने के दौरान एनसीपी चीफ शरद पवार पुणे में थे। उन्हें विधायकों की मीटिंग की जानकारी नहीं थी। बाद में जब उन्हें इसका पता लगा तो बोले- अजित पवार विपक्ष के नेता हैं तो उन्हें विधायकों की बैठक बुलाने का अधिकार है।
अजित पवार की नाराजगी की 2 वजह…
पहली वजह: शरद पवार का इस्तीफा और फिर पलटना
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित पवार शरद पवार से नाराज चल रहे थे। पहली बार 2 मई को जब शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ा था तो इस बात की संभावना थी कि अजित पवार को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। जब पार्टी नेताओं और समर्थकों ने शरद पवार के फैसले का विरोध किया तो अजित ने खुलेआम कहा था कि इस विरोध से कुछ नहीं होगा।
पवार साहब अपना फैसला नहीं बदलेंगे। हालांकि 4 दिन में ही पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। वे जब इस बात की जानकारी मीडिया को देने आए तो अजित पवार वहां मौजूद नहीं थे। तब इस बात की चर्चा थी कि अजित शरद पवार के फैसले से नाराज हैं।
दूसरी वजह: संगठन में दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना
दूसरी घटना हाल ही में पार्टी संगठन में हुए फेरबदल को लेकर है। शरद पवार ने 10 जून यानी पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष समेत विभिन्न राज्यों का प्रभार दे दिया। इसके बाद अजित पवार की नाराजगी की खबरें आईं। हालांकि, उन्होंने इससे इनकार किया था। शरद पवार ने भी कहा कि अजित पहले से ही विपक्ष के नेता के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वे राज्य देखेंगे। -इंट्रेस्टिंग फैक्ट- -राजभवन में 4 साल में 4 शपथ ग्रहण…
महाराष्ट्र में 2019 से अब तक 4 बार शपथ ग्रहण हो चुका है। नवंबर 2019 में अजित पवार ने भाजपा सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। सरकार केवल 80 घंटे चली थी। इसके बाद 2019 में ही अजित ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। यह सरकार जून 2022 में गिर गई। इसके बाद 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चौथा शपथग्रहण एक बार फिर अजित पवार का हुआ। उन्होंने 2 जुलाई 2023 को डिप्टी सीएम पद की शपथ ली।