

मुंबई ।महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के क्लाइमेक्स सीन से पूर्व काफी उथल पुथल देखने को मिल रही हैं। भारी रणनीतिक दाव पेंच के बीच एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हुई। खबरों के अनुसार इस चिट्ठी में 30 जून को सुबह 11 बजे फ्लोर टेस्ट कराने की बात राज्यपाल की तरफ से कही गई थी।
ऐसे में खबरे प्रसारित हुई की विधानसभा में महाविकास अघाड़ी सरकार को अपना बहुमत साबित करना पड़ेगा, लेकिन राज भवन ने ऐसी चिट्ठी जारी करने से इन्कार किया है।
सूत्रों के मुताबिक अगर राजभवन से उद्धव सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कहा जाता है, तो उद्धव सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। दरअसल, 26 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद शिवसेना, डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र पुलिस और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। इस मामले में कोर्ट की अगली सुनवाई 11 जुलाई को है।
बता दें कि कल रात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली से आने के तुरंत बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, आशीष शेलार और प्रवीण दरेकर समेत कुछ नेताओं के साथ राजभवन गए और राज्यपाल को सूबे के मौजूदा सियासी हालात के बारे में जानकारी देते हुए फ्लोर टेस्ट की मांग की थी।
राज्यपाल से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना से 40 विधायक अलग हो चुके हैं, ऐसे में सरकार अल्पमत में आ गई है। फडणवीस ने कहा, ‘आज गवर्नर को ईमेल के माध्यम से और प्रत्यक्ष रूप से हमने पत्र दिया है। पत्र में हमने कहा है कि शिवसेना के 39 विधायक बाहर हैं, और वे लगातार कह रहे हैं कि हम कांग्रेस, NCP की सरकार में नहीं रह सकते। इसका सीधा मतलब है कि ये 39 विधायक सरकार के साथ नहीं हैं। इसलिए हमने गवर्नर को कहा है कि चूंकि सरकार अल्पमत में दिखाई दे रही है, इसलिए तुरंत सरकार को और मुख्यमंत्री को फ्लोर टेस्ट करने और अपना बहुमत सिद्ध करने का निर्देश दें।’
विदित हो कि भाजपा के अलावा 8 निर्दलीय विधायकों ने भी गवर्नर कोश्यारी को ईमेल करके फ्लोर टेस्ट की मांग की है। वहीं, शिंदे गुट के विधायक पहले ही फ्लोर टेस्ट की मांग कर चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली में फडणवीस ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस दौरान मशहूर वकील महेश जेठमलानी भी उनके साथ थे। बताया जा रहा हैं की फडणवीस और शाह के बीच मुलाकात करीब डेढ़ घंटे से भी ज्यादा हुई, जिसमे सभी पहलुओं और संभावित परिस्थितियों पर चर्चा हुईं थी।
महाराष्ट्र में सियासी ड्रामे के बीच आदित्य ठाकरे ने दावा किया है कि 15 से 16 विधायक उनके संपर्क में है और मुंबई वापस आना चाहते हैं। इसके जवाब में शिंदे गुट ने कहा है कि बागी विधायकों के नाम बताएं, उन्हें वापस मुंबई भेज दिया जाएगा। वहीं बीजेपी ने अपने विधायकों को मुंबई ना छोड़ने के लिए कहा है। संजय राउत ने कहा है कि इस पूरे खेल के पीछे बीजेपी है।
सुप्रीम कोर्ट से शिंदे गुट को राहत मिलने के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना को अपने विधायक संभालने में और ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है। एक और विधायक राहुल पाटिल दो दिनों से लापता हैं। पुलिस उन्हें तलाश कर रही है। चर्चा है कि वो शिंदे गुट के पास गुवाहाटी पहुंच चुके हैं या फिर जल्दी पहुंचने वाले हैं।
विधानसभा में वर्तमान सियासी समीकरणों की बात करें तो 288 सदस्यीय विधानसभा में एक विधायक की मौत होने की वजह से अभी सदन में 287 विधायक हैं। उद्धव ठाकरे के आधाड़ी गठबंधन के साथ शिवसेना के 16 (बाकी के विधायक बागी हो चुके हैं), NCP के 53, कांग्रेस के 44 और अन्य 12 मतलब कुल 125 विधायक हैं। वहीं, फडणवीस के साथ बीजेपी के 106, शिवसेना के 39 बागी (तमाम धमकियों और अपील के बावजूद इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।) , 07 निर्दलीय और अन्य 10 यानी कि कुल 162 विधायक हैं। ज्ञात हो कि हिंदुत्व नीत विचारधारा के नाम पर महाराष्ट्र सरकार को अल्मत की स्थिति में लाने वाले 39 बागी विधायकों की राजनीतिक कुंडली बताती हैं कि ये विधायक कहने को अभी शिवसेना में हैं, खुद को हिंदूवादी भी बता रहे हैं, लेकिन असल में इनमें कई ऐसे भी हैं जो कांग्रेस और एनसीपी के साथ जुड़े रहे हैं।
कुल मिलाकर भारी गहमा गहमी एवम तकलीफों के बावजूद भी आपरेशन लोटस के सूत्रधार मान सकते हैं की यह सफलता के साथ पूर्णता को प्राप्त हो रहा है।
परंतु यह देखने लायक होगा की नई सरकार में एकनाथ शिंदे शपथ ग्रहण करते समय किस तरह के शब्दों का उपयोग करेंगे, विदित हो कि महाविकास अघाड़ी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शिंदें ने शपथ ग्रहण करते हुए कहा था की “मैं शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे का वंदन करते हुए, धर्मवीर आनंदी दिघे को नमन करते हुए, माता-पिता के आशीर्वाद के साथ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री माननीय उद्धव ठाकरे का आशीर्वाद लेकर मैं शपथ लेता हूं…।”