बीकानेर। ज्ञान विधि पी.जी. महाविद्यालय बीकानेर परिसर में महाविद्यालय के संस्थापक एवं पर्यावरण प्रेमी स्व. ज्ञान प्रकाश जी बिश्नोई की द्वितीय पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस असवर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमोद खन्ना अध्यक्ष प्रबंध समिति, समिति के सचिव त्रिलोचन शर्मा, सदस्य हनुमान बिश्नोई, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी.एल.बिश्नोई आदि ने स्व. ज्ञान प्रकाश बिश्नोई के तेल चित्र का अनावरण किया। द्वितीय पुण्यतिथि को स्मृति दिवस के रूप में मनाने के लिए पुष्पांजलि का कार्यक्रम महाविद्यालय परिसर में किया गया। सर्व प्रथम उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमोद खन्ना अध्यक्ष प्रबंध समिति, समिति के सचिव त्रिलोचन शर्मा, समिति सदस्य हनुमान बिश्नोई उनकी धर्म पत्नी लक्ष्मी देवी, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी.एल.बिश्नोई ने माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम को प्रारम्भ किया। डॉ.बी.एल. बिश्नोई प्राचार्य ने ज्ञान प्रकाश बिश्नोई को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि मेरे पिताजी ज्ञान प्रकाश ने पूरा जीवन अनुशासित रहकर जिया। पुलिस सेवा के दौरान पीडि़त व्यक्तियों की मदद की और प्रकृति से जो लिया उसे लौटाने के लिए हमेशा सक्रिय रहे। महाविद्यालय का प्रांगण इसका साक्षी है। महाविद्यालय की स्थापना उनके द्वारा 2003 में की गई जिसका सफल संचालन उनके बताये मार्ग पर हम सब कर रहे हैं।
समिति के सचिव त्रिलोचन शर्मा ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि वे एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे जिनके उच्च विचारों से हर कोई परिचित और प्रभावित है। उन्होने अपने हर परिचित पर अपनी एक अद्भुत छाप छोड़ी है।
ईकबाल सिंह सेवानिवृत निरीक्षक ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कि ज्ञान प्रकाश ने हमें यही षिक्षा दी की प्रकृति से प्रेम ही ईष्वर से प्रेम है और यह मानवता के लिए बहुत जरूरी है। महाविद्यालय के वरिष्ठ सहायक आचार्य इकबाल अहमद ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये उनके साथ बिताये हुये समय का स्मरण करते हुये कहा कि ऐसे व्यक्ति बिरले ही होते है। वे एक कुषल पुलिस ऑफिसर व परोपकारी व्यक्ति थे। पुलिस सेवा में रहते हुये हर किसी पीडि़त की सहायता करना वे अपना लक्ष्य मानते थे। महाविद्यालय के वरिष्ठ सहायक आचार्य डॉ. एम.एल. जोईया ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि उनके आदर्श उनकी शिक्षा व उनके प्रेम की त्रिवेणी से हम हमेषा गौरवान्वित रहेगे।
डॉ. पवन कुमार बिष्नोई आर.जे.एस ने ज्ञान प्रकाश बिश्नोई को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये बताया कि मेरे पिताजी ज्ञान प्रकाश जी हमे हमेशा प्रेम व भाईचारे की शिक्षा देते थे। वे कहते थे कि प्रेम व भाईचारे से जिन्दगी आसानी से काटी जा सकती है ।

और जीवन के हर संघर्ष से निपटा जा सकता है।

इस अवसर पर दुल्ले सिह जी,गुरूचरण सिहं, रामकुमार जी, श्री रामप्रताप जी, श्री अतिराज सिहं, श्री अरविन्द चालिया, श्री धनराज सोनी , महाविद्यालय के छात्र छात्राओं व परिवार के सदस्यगण श्रीमती लक्ष्मी देवी, श्रीमती सुलोचना, डॉ. सन्तोष बिष्नोई, डॉ. सुमन बिष्नाई, श्रीमती माया देवी, श्री रतन लाल, श्री रामनाथ, श्री संजीव कुमार, श्री श्रवण कुमार, श्री शेलेन्द्र, श्री सुरेन्द्र, श्री सुखवीर, श्री राकेष कुमार, अभिषेक, ज्योतिका, अभिलाष, आनन्द, देवदत्त, रूद्र बिष्नोई, गर्वित, तनुष्का व कैरवी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस कार्यक्रम का प्रसारण गूगल मीट पर भी किया गया जिसमें बड़ी संख्या में पूर्व व वर्तमान छात्रों ने हिस्सा लेकर श्री ज्ञान प्रकाष जी बिष्नोई को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के पष्चात उनकी स्मृति मेें दो मिनट का मौन रखा गया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के संकाय सदस्य डॉ योगेष पुरोहित ने किया।