-बड़े बदलाव के पक्ष में नहीं, लेकिन अनुसूचित जाति के लोगों को तरजीह देने को कहा गया है
हरीश गुप्ता
जयपुर। कांग्रेस आलाकमान की संदेशवाहक कुमारी शैलजा के आने के बाद कुछ कांग्रेसियों की नींद उड़ी हुई है। नींद भी एक नहीं बल्कि दोनों गुटों के लोगों की उड़ी हुई है। सबके मन में एक ही सवाल अब क्या होने वाला है।
गौरतलब है पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और वरिष्ठ नेता वेणुगोपाल चार दिन यहां रुक कर कागज काले पीले कर दिल्ली लौट गए। संभवतः उन्होंने रंगे कागज पार्टी सुप्रीमो को सौंप दिए। नतीजन सुप्रीमो के आदेश पर कुमारी शैलजा यहां आई। गौरतलब यह भी है कि कुमारी शैलजा राजस्थान की प्रभारी रह चुकी है और पिछली बार स्क्रीनिंग कमेटी की चेयरमैन थी। इसलिए प्रदेश के नेताओं के बारे में वह भी ठीक से वाकिफ हैं।
सूत्रों की मानें तो कुमारी शैलजा माइनर सर्जरी का मैसेज लेकर आई है। अर्थात मंत्रिमंडल में बड़े ऑपरेशन की जरूरत नहीं है। उस हिसाब से लगता है बड़ा बदलाव होने वाला नहीं है। हां पायलट गुट के कुछ लोगों को शामिल कर लिया जाएगा। वह भी अशोक गहलोत की सहमति के बाद। हालांकि वे कुछ नाम देकर भी गई है।
सूत्रों ने बताया कि कुमारी शैलजा ने कांग्रेस सुप्रीमो के संदेश के तौर पर यह जरूर कहा है कि विस्तार में अनुसूचित जाति के लोगों को प्राथमिकता दी जाए। दरअसल यूपी चुनावों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। वर्तमान में प्रदेश मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति वर्ग से एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं है। मास्टर भंवरलाल इसी वर्ग से थे, लेकिन उनके निधन के बाद वर्तमान में कोई नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो एक-दो दिन में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। जो सूची कुमारी शैलजा देकर गई है उनमें किसी नाम से गहलोत को भी कोई विशेष आपत्ति नहीं है। अब देखना है लंबे समय से ‘टलता’ आ रहा विस्तार कब होता है? वैसे भी अब हो गया तो ठीक, वरना अगस्त के अंतिम सप्ताह में होगा।