बिहार(सुपौल)-ओम एक्सप्रेस ब्यूरों-जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल मुख्यालय में लगा हाईमास्ट लैंप बाजार क्षेत्र के लोगों के लिए महज शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। दो अलग-अलग जगहों पर दुर्गा मंदिर परिसर एवं ब्लॉक परिसर में सांसद एवं विधायक कोष से हाईमास्ट लैंप लगाया गया था। करीब दस वर्ष पूर्व लगाए गए हाई मास्ट लैंप के लगने से लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब बाजार क्षेत्र रोशनी से जगमगा उठेगा।
लेकिन कुछ महीनों बाद ही बाजार वासियों के लिए हाईमास्ट लैंप बेकार हो गया। हाईमास्ट लाइट के नहीं जलने से इस लॉक डाउन में रात को पूरा बाजार क्षेत्र अंधेरे में डूब जाता है। आमतौर पर दुर्गा मंदिर के आस-पास के दुकानों के बंद हो जाने के बाद पूरा चौक सुनसान लगने लगता है। बल्कि चौक ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को परेशानी से दो-चार होना पड़ता है।जबकि त्रिवेणीगंज मुख्यालय व्यावसायिक मंडी के रूप में जाना जाता है। समाजसेवी संजय सिंह का कहना है कि एक हाईमास्ट लैंप पर विभाग को करीब पांच लाख रुपए का खर्च आता है। लेकिन हाईमास्ट लाइट लगाए जाने के बाद उसकी देखरेख की जिम्मेवारी किसी की नहीं होती है। इतना ही नहीं पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार के सौजन्य से दुर्गा मंदिर परिसर स्थित गांधी पार्क एवं थाना परिसर में सोलर प्लेट आधारित हाईमास्ट लैंप भी लगाया गया।
जो उचित रखरखाव के अभाव में कुछ महीनों बाद खराब हो गया। आज तक मरम्मत के अभाव में हाईमास्ट लैंप बेकार पड़ा है। व्यवसायी दीपक चौखनी,शुभम चौखनी,शत्रुधन प्रसाद चौधरी,सज्जन कुमार संत आदि कहते है कि देखरेख के अभाव में लैंप के कई बल्ब फ्यूज हो गए हैं। जो आज तक ठीक नहीं किए जा सके हैं। हालांकि बाजार के लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई। लेकिन वह भी केवल आश्वासन ही साबित हुआ। त्रिवेणीगंज बाजार के दुकानदारों ने डीएम से हाई मास्ट लैंप को चालू कराने की मांग की है।