

-एयरपोर्ट के बाद जब मेट्रो रद्द हुई तो मेरे दिल में बड़ा दर्द हुआ कि क्षेत्र पीछे ले जाने का काम कर रही है सरकार
-हमारे द्वारा शुरू कराई हुई परियोजनाओं का फीता भी नहीं काट पायी ये सरकार
हर्षित सैनी
रोहतक, 23 फरवरी। बहादुरगढ़ मेट्रो को सांपला के रास्ते रोहतक लाना मेरा और हरियाणा के लाखों बेरोजगार युवाओं का सपना था, जिससे नौजवानों रोजगार के नए अवसर मिलते लेकिन मेरे दिल में पीड़ा हुई कि पहले एयरपोर्ट, अब मेट्रो छीन ली। यह कहना था पूर्व कांग्रेसी सांसद एवं सीडब्ल्यूसी सदस्य दीपेन्द्र हुड्डा का।
उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि सरकार को ये याद रखना चाहिए कि समय को बदलते समय नहीं लगता, वक्त भी बदलेगा और शासन भी बदलेगा और सांपला तक मेट्रो को रद्द करने का फैसला भी बदलेगा। हरियाणा के लोगों के पुराने दिन फिर वापस आयेंगे और दिल्ली को तीन तरफ से घेरे हरियाणा में मेट्रो का विस्तार केवल सांपला तक ही नहीं अपितु रोहतक, पलवल, सोनीपत, बाढ़सा झज्जर, मानेसर तक किया जाएगा।


पूर्व कांग्रेसी सांसद ने सीधा आरोप लगाया कि राजनीतिक वजहों से भाजपा सरकार रोहतक लोकसभा क्षेत्र के विकास के साथ भेदभाव कर रही है। केन्द्र और प्रदेश दोनों जगह भाजपा पिछले 6 साल से सरकार सत्ता में है लेकिन न तो यहां कोई नया निवेश आया, न ही कोई नयी परियोजना आई और न ही कोई नयी फैक्ट्री या उद्योग ही लग पाया। इसके उलट, उनके द्वारा मंजूर कराई गई हजारों करोड़ रुपए की बड़ी परियोजनाओं को या तो ठंडे बस्ते में डाल दिया गया या फिर दूसरे प्रदेशों में भेज दिया गया या रद्द कर दिया गया।


इसी प्रकार 2005 से 2014 तक हुड्डा सरकार के समय रोहतक लोकसभा में 1080 किलोमीटर लम्बाई के 12 नेशनल हाईवे बने, जिसमें बहादुरगढ़ बाईपास और रोहतक बाईपास भी शामिल है। पिछले 6 साल में यहां एक भी नया नेशनल हाईवे नहीं आया।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार के 6 साल में कम से कम एक नया कॉलेज तो बन सकता था लेकिन एक भी नहीं बना। हमारे समय में गांव से लेकर शहर तक 68 अस्पताल बनवाए गए जबकि भाजपा सरकार के पांच साल में एक भी नया अस्पताल नहीं बना।
सीडब्ल्यूसी सदस्य ने कहा कि उनके समय में 230 किलोमीटर रेल लाईन मंजूर कराई, जिसमें रोहतक-झज्जर-रेवाड़ी, रोहतक-महम-हांसी पर काम हुआ। मगर भाजपा सरकार में एक ईंच नयी रेल लाईन नहीं बनी। 9 साल में इस पूरे इलाके में विकास की गाड़ी ने पूरी रफ्तार से अपना सफर तय किया। लेकिन, 2014 के बाद जब भाजपा का राज आया तो इस रफ्तार पर ब्रेक लग गया।
