जयपुर। केंद्र सरकार की मौद्रिकरण नीति के तहत भारतीय रेल संपत्ति को बेचने व निजीकरण, निगमीकरण के विरोध में एआईआरएफ के आव्हान पर एन डब्लू आर ई यू के बैनर तले आज प्रधान कार्यालय जीएलओ शाखा जयपुर द्वारा उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें भारी संख्या में रेल कर्मचारियों ने भाग लेकर भारत सरकार की हाल ही में जारी मौद्रीकरण नीति का प्रचण्ड विरोध किया।

प्रदर्शन के दौरान सभा को संबोधित करते हुए यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने बताया कि भारत सरकार किस प्रकार हमारी भारतीय रेल की संपत्ति को कोढ़ियों के दाम पर कुछ उद्योगपतियों को बेच रही है। उन्होने 1400 किमी ट्रैक, 15 रेलवे स्टेडियम, 741 किमी का सम्पूर्ण कोंकण रेलवे, 400 स्टेशन, 4 हिल रेलवे, 673 किमी डीएफ़सी लाइन, 265 गुड्स शेड, 90 यात्री गाडियाँ इत्यादि को बेचने की योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जबकि भारतीय रेल के कर्मचारियों ने कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों में काम करते हुए माल लदान के नए कीर्तमान स्थापित करके रिकार्ड आय अर्जित की है ऐसी परिस्थिति में प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री द्वारा मौद्रीकरण के नाम पर भारतीय रेल संपत्ति को बेचना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होने कहा कि मजदूर विरोधी नीतियों पर एआईआरएफ़ ने पूर्व की कई मजबूत सरकारों को सबक सिखाया है। हम आज यह चेतावनी दिवस मनाते हुए एक बार फिर भारत सरकार से इस नीति को वापस लेने की अपील करते है और अगर सरकार ने इस बारे में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।

प्रदर्शन के दौरान ज़ोनल उपाध्यक्ष विनीत मान, सुनील माथुर, इन्द्रपाल सिंह, पवन जुनेजा, उत्तम बाथरा, अनिल सिंह, धर्मेश बैरवा, चाँदनी सिंघल, प्रेम नारायण, विभा तापड़िया, सोनल माथुर, मुकुल जैन, बिपिन परमार, महेश बोहरा,चेतन वर्मा, अमन सहित भारी संख्या मे प्रधान कार्यालय के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन मे शामिल होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपने आक्रोश का इजहार किया।

बीकानेर। ऑल इंडिया रेलवे मैन्स फेडरेशन के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन के निर्देशानुसार दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन के प्रथम दिन बीकानेर के लालग़ढ़ स्टेशन पर अवध आसाम ट्रैन पर रेल के निजीकरण को रेल कर्मचारियों ने विरोध किया।
भारत सरकार द्वारा रेलवे की परिसंपत्तियों को बेचे जाने का कर्मचारियों मे भारी रोष है।
कॉम ब्रजेश ओझा कार्यवाहक मंडल सचिव नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन ने बताया कि 3 सितबर को दिल्ली मे आल इंडिया रेलवे मैन्स फेडरेशन की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई इस वर्चुअल मीटिंग मे एआईआरएफ के सम्बद्ध की सभी यूनियनों के सभी महामंत्रियों ने भाग लिया और सरकार की मौद्रीकरण नीति के खिलाफ अपना घोर विरोध प्रकट किया सरकार की रेल के निजीकरण के इस फैसले की खिलाफ अब सभी कर्मचारी ने इस पर खुल कर लड़ाई लड़ने के लिए अपनी रन नीति बना ली है ।सालों से जनता के पैसे को एकत्रित कर आज ये रेल का विशाल साम्राज्य बनाया है ओर इसे अपने निकट प्रेमियों को बेच रही है । जिसको रेल कर्मचारी एवं आम जनता कतई बरदाश नही करेगी।
कॉम मोहम्मद सलीम क़ुरैशी सहायक मंडल सचिव एवं कॉम गणेश वासिष्ठ शाखा सचिव ने अपने सँयुक्त बयान मे कहा सरकार जिस तरह सरकारी विभागों को बेचने मे उतारू है तो वो दिन दूर नही जब जिस तरह ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने पैर पसार कर जनता को गुलाम किया था उसी तरह ये सरकार देश के सभी सरकारी विभागों को बेच जनता को कुछ नामचीन पूंजीपतियों के गुलाम कर रही है। भारत सरकार का सबसे बड़ा उपक्रम रेल विभाग देश के नोजवानो को सबसे ज्यादा नोकरिया देने वाला विभाग है ।कल्पना करिए जब नोकरिया नही रह जाएंगी तो देश का पढा-लिखा युवा वर्ग जो परीक्षाओ की तैयारी करता है एक सपना संजोता है।
उज्जवल भविष्य का आखिर उसका क्या होगा ??
बेरोजगारी का आलम बढेगा जो किसी भी देश के लिए अच्छा नही है ।इसके पहले भी दुनिया के तमाम देशों ने रेलवे का निजीकरण किया परंतु उसको परिणाम दुःखद रहे और फिर उन्हें राष्ट्रीयकरण की तरह लौटना पड़ा कॉम दिनेश सिंह शाखा सचिव कार्यशाला ने रेल कर्मचारियों को कहा कि सरकारी विभागों एवं रेल के निजीकरण से सरकार पूरी तरह विफल साबित हो गई है जो सालों से बनाई गई देश की सबसे बड़ी धरोवर रेल को निजी हाथों को बेच रही है और रेल कर्मचारियों के साथ आम जनता का सबसे सुलभ साधन का सपना को निजी हाथों मे बेच । देश को गुलामी की ओर धकेल रही है । इस प्रदर्शन मे कॉम मुस्ताक अली,कॉम आनंद मोहन कॉम दीन दयाल, कॉम अमरनाथ, कॉम प्रदीप चौधरी, कॉम संजय कुमार, कॉम नवीन, कॉम पवन कुमार बीकानेरी,कॉम मुकुल,कॉम शत्रुधन पारीक,कॉम बलबीर, कॉम उमर, कॉम कुलदीप, कॉम राजेन्द्र , कॉम अल्ताफ़, कॉम महेश मारवाल, कॉम सोंनु कुमार, कॉम मोहम्मद आरिफ, कॉम मुकेश, कॉम पुष्पेंद्र, कॉम इशाक कॉम रमेश, कॉम विधियां यादव,कॉम प्रहलाद,कॉम रईस ,कॉम अरुण गहलोत,कॉम कैलाश सोलंकी, कॉम रवि कुमार, कॉम आदेश, कॉम नितिन, कॉम सुखबीर,कॉम संजीव मालिक कॉम कैलाश, कॉम धर्मेंद्र, कॉम शिवांनंद, कॉम जगबीर, कॉम रघुवेन्द्र, के साथ सैकड़ो रेल कर्मचारी मौजूद रहे।