कुदरत ने खुशियों का मौका दिया है इसे गवाएं नहीं। बरसात का मौसम आ गया, यदि घनघोर बरसात ना हो तो हल्की बौछारो के बीच में घूमने का मजा ले या घर की गैलरी, वरांडा में बैठकर चाय पकौड़े, भुट्टा आदि खाने का आनंद ले। बच्चों के साथ पानी में भीगना, परिवार के साथ मौसम अनुसार खाना पीना यह जो खुशियां कुदरत हमें दे रही है इसका पूरा आनंद लेना चाहिए। इस सीजन हम किचन गार्डन की तैयारी कर सकते हैं क्योंकि इस मौसम में सभी पेड़ पौधे लगाए जा सकते हैं। हम अपनो की स्मृति में या खुशी से वृक्षारोपण भी कर सकते हैं। घर में तला गला बनाकर दोस्त या रिश्तेदार के साथ खुशियों के पल बिता सकते हैं। बिना AC के हो सके तो खिड़की खोल कर रखें ताकि ताजी हवा का आनंद ले सके। हां एक बात का ध्यान इस मौसम में रखे हमें ओवर ईटिंग नहीं करना है थोड़ा थोड़ा करके खाये पर बिना खाए नहीं रहना है। उपवास करने वालों से अनुरोध है कि इस वायरस के दौर में कृपया खाली पेट ना रहे इससे आपकी कोई धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाली नहीं है।यह स्वास्थ्य की दृष्टि से एक निवेदन है।
पिकनिक पर जाते वक्त नदी नाले झरने और डैम से दूर रहें।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद)