– जल्द ही यह लड़ाई हम जीतेंगे – अर्जुन देथा
बच्चों ने कागज पर चित्रकारी में लिखा मोदी अंकल हमें आपका इंतजार है

जयपुर /जयपुर में शहीद स्मारक जो कि अब शाहीन बाग़ के नाम से मशहूर हो चुका है पर आज 23वें दिन भी सीएए, एनसीआर व एनपीआर के विरोध में महिलाओं का धरना जारी रहा।
आज प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह सिरसा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह लड़ाई कोई मजहब की लड़ाई नही है यह हम सबकी और इंसानियत की लड़ाई है। उन्होंने विभिन्न लोगों द्वारा दी गई कुर्बानी पर भी बात की और उन्हीने कहा कि मुस्लिम समाज ने हमेशा देश को बनाने और आज़ाद कराने में बहुत बड़ी कुर्बानियां दी हैं। इसी प्रकार जनता दल सेक्युलर के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन देथा ने संबोधित किया और कहा कि जब जब भी सत्ता में बैठे लोग लोगों ने जनता पर जुल्म।ढहाए हैं उनके सिंहासन डोल गए हैं और तख्त और ताज चले गए हैं इनका भी अंत नजदीक है, और ये लड़ाई हम जीतेंगे। लेखक संजय श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि हम सरकार को मजबूर कर देंगे कि वो हमारी बात सुनेगी और इस विभाजनकारी कानून को वापस लेगी। जेएनयू की छात्रा नायला ने कहा कि केंद्र सरकार भारत के नागरिकों को किसी न किसी तरीक़े से खौफ़जदा रखना चाहती है।

लेकिन अब हम ने डरना छोड़ दिया है, अब पानी सर से ऊपर चला गया है। ये वही भाजपा सरकार है जिसके सत्ता में रहते हुए ही कश्मीरी पंडितों को प्रताड़ना का शिकार बनाया गया था, लेकिन इस सरकार ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए उन पर ज़ुल्म होने दिया। नायला खान ने कहा कि जब सरकार हिंदू पीड़ित की बात करती है, तो मैं पूछना चाहती हूँ कि श्रीलंका में जो तमिल हिंदू हैं क्या वो भारत में नागरिकता के अधिकारी नहीं है। उन्होंने सरकार के रवैए पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार के वरिष्ठ नेता व मंत्री जिस प्रकार से मुसलमानों के ख़िलाफ़ बयान देते हैं, तो इस सरकार पर हमारा शक करना उचित है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री समाज में वैमनस्य फैलाने में लिप्त रहते हैं लेकिन उनके ख़िलाफ़ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होती है। इस अवसर पर 80 वर्षीय मरियम दादी ने कहा कि इस देश में 70 सालों से मुसलमानों, दलितों व ग़रीबों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है, हम ने अब तक सब्र किया है लेकिन अब नहीं सहेंगे। दादी ने कहा कि हम यहीं पर पैदा हुए, यहीं पर रहे और यहीं पर मरेंगे।

आज साँझी विरासत की वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोमा सागर भी धरने में शामिल रही। उन्होंने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य है कि इस समय एक ऐसी सरकार देश में विराजमान है, जिसके प्रधानमंत्री झूठ बोलने के आदी हैं। उन्होंने कहा कि तीन तलाक़ पर आँसू बहाने वाले दासी प्रथा पर अपनी ज़बान बंद रखते हैं। उन्होंने पुलवामा हमले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार ने आज तक देश की जनता को यह नहीं बताया कि वहाँ पर आरडीएक्स कैसे पहँचा, उन्होंने यह भी कहा कि इस सरकार के पास कोई विज़न नहीं है, सिवाय देश की जनता को लाईन में लगाने के। भीम आर्मी की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नीलोफर ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 356 के तहत ही देश के नागरिक वोट देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हैं, फिर देश के नागरिकों से नागरिकता का प्रमाण मांगने का कोई तुक नहीं है। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 13 व 14 देश के नागरिकों को समान अधिकार देता है जिसे ये सरकार छीन लेना चाहती है। इस अवसर पर आरक्षण अधिकार मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामेश्वर सेवार्थी भी उपस्थित थे। उन्होंने धरने में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में देश वासियों के अधिकार बाद में है और नागरिक पहले हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में समानता के अधिकार को क़ायम रखते हुए कमज़ोर तबक़ों को प्राथमिकता देने का प्रावधान है। आज सभा को एआईपीडब्ल्यूए की मंजू लता, अखिल भारतीय बैरवा महासभा के एस के बैरवा, पूर्व जज टेक चंद राहुल,अंजु कराड़िया आदि ने भी संबोधित किया। आज छोटे बच्चों ने रंगो का इस्तेमाल करते हुए काग़ज़ पर ड्रॉइंग बनाते हुए अपने बाल कौशल का परिचय दिया। उन्होंने लिखा कि मोदी अंकल हमें आपका इंतजार है आप आइए और हमें कहिए कि आप सीएए को वापस लेंगे और एनपीआर और एनआरसी लागू नहीं करेंगे।

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