शहरी क्षेत्र में अवैद्य खनन रोक के लिए यूडीएच से समन्वय बनाकर हल खोजा जाएगा,

जयपुर,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। माइंस, पेट्रोलियम एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा है कि शहरी क्षेत्र के आसपास अवैद्य खनन पर प्रभावी रोक लगा कर वैद्य खनन की राह प्रषस्त की जाएगी। शहरी क्षेत्रों खासतौर से अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर और भीलवाड़ा के शहरी क्षेत्र के आसपास जारी अवैद्य खनन गतिविधियों पर रोक लगाकर वैद्य खनन के लिए शहरी विकास विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए स्थाई हल निकाला जाएगा।

माइंस, पेट्रोलियम एवं गोपालन मंत्री भाया ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने 22 जून को विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान दिए गए निर्देर्शों के क्रम में विभाग एक्सन मोड में आ गया है और अवैद्य खनन व परिवहन पर रोक, राजस्व बढ़ाने, खनिजों की खोज, खनन व दोहन कार्य को गति देने की कार्य योजना तैयार की जा रही है वहीं प्रस्तावित खनिज नीति में अन्य वर्गो के आरक्षण के साथ ही युवा टेक्नोक्रेटों की भागीदारी तय करने के प्रावधान करने के निर्देश दे दिए हैं। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पिछले शुक्रवार को ही जयपुर में आयोजित बैठक में विस्तार से चर्चा कर आवष्यक कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन को कहा गया है। शहरी क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों में अवैद्य खनन जारी रहने से जहां एक और अवैद्य खनन गतिविधियां जारी है वहीं सरकार को राजस्व की भी हानि हो रही है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में खनन व परिवहन से अमाजन को असुविधा हो रही हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों को चिन्हित कर इन शहरों के मास्टर प्लान का अध्ययन कर शहरी विकास विभाग के साथ संयुक्त बैठक कर हल खोजा जाएगा।

मंत्रि भाया ने बताया कि विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव तैयार करवाए जा रहे हैं वहीं आवष्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि विजिलेंस व ड्रिलिंग विंग को सशक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि खनन पट्टाधारकों को खनन कार्य में सुरक्षा मानकों की सख्ती से पालना के निर्देष दिए गए हैं। सिलिकोसिस जैसी बीमारी से बचाने के लिए अवेयरनेस कार्यक्रम के साथ ही जागरुकता अभियान में गैरसरकारी संगठनों की सहभागिता भी तय की जाएगा। केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लाक तैयार कर इनके आक्शनन की राह प्रशस्त हो गई है। इससे क्षेत्र में वैद्य खनन हो सकेगा वहीं राम मंदिर के लिए सेंड स्टोन वैद्य तरीके से खनन के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगा। इसी तर्ज पर इस तरह के अन्य क्षेत्रों को चिन्हित कर वन भूमि से डायवर्जन कराने के प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रस्तावित खनिज नीति को अंतिम रुप देने के निर्देश दे दिए गए हैं वहीं विभाग के पुनर्गठन प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजे जाएंगे। मुख्यमंत्री गहलोत की मंशा और निर्देशों के अनुसार खनन अंवेषण को गति दी जाएगी और नए ब्लाक तैयार कर उनके ई प्लेटफार्म पर आक्शयन की तैयारी की जा रही है। पहली बार 8 ब्लाकों का सफल आक्श् ‍न हुआ हैं और अन्य ब्लाक तेजी से विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना लाकडाउन के बावजूद राज्य में कोरोना प्रोटोकाल की पालना कराते हुए खनन गतिविधियां जारी रखी गई और अप्रेल मई में 2019 के सामान्य वर्ष के अप्रेल मई माह से भी अधिक राजस्व अर्जित किया है। राजस्व छिजत रोकने और आय बढ़ाने के समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं।