– सैफई के सुघर सिह को फर्जी फसाए जाने की जांच करेंगे एसपी साउथ कानपुर

– तमाम संगठनों और राजनीतिज्ञों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की कड़े शब्दों में निंदा, दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग।

कानपुर।सैफई इटावा मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों स्पष्ट कहा था कि पत्रकारों के मामले बेहद संवदेनशील तरीके से देखे जायें। मगर पुलिस के बड़े अफसरों को इससे कोई मतलब नहीं है। यूपी की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है यहां पत्रकार सुरक्षित नहीं है। पत्रकारों पर कहीं नेता और मंत्री हमला करवा रहे हैं तो कहीं खाकी का कहर पत्रकारों की जान ले रहा है। तो कहीं पत्रकार फर्जी मुकदमे में फंसाए जा रहे हैं

नतीजा यह है कि सरकारफिआओं और खनन माफि के पास भी पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं हैं। नतीजन आये दिन पत्रकार कहीं बिल्डर तो कहीं भूमाआओं और गोरखधंधा करने वालों का शिकार हो रहे हैं। सर्दी हो या बरसात दिन-रात खबरों का संकलन करके जन-जन तक जनता की आवाज पहुंचाने वाले पत्रकार ही नहीं सुरक्षित हैं तो जनता का क्या हाल होगा यह सवालिया निशान है? इस घटना में तमाम संगठनों और राजनीतिज्ञों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
बड़ा सवाल यह है कि पत्रकार पर हाथ डालने से ये भ्रष्ट अधिकारी पहले तो घबराते हैं लेकिन जब इन भ्रष्ट अधिकारियों और गैर कानूनी धंधा करने वालों को कहीं से संरक्षण मिल जाता है तो इनका मनोबल दोगुना हो जाता है। इसके बाद ये भ्रष्ट अधिकारी जांबाज पत्रकारों का न सिर्फ उत्पीड़न करते हैं, बल्कि हत्या फर्जी मुकदमे जैसे अंजाम को देने से भी बाज नहीं आ रहे है आये दिन इन भ्रष्टाचारियों की भेंट एक जनसेवक पत्रकार चढ़ रहा है लेकिन इन भ्रष्टाचारियों पर हर कोई कार्रवाई करने में हाथ पीछे खींचता रहता है, नतीजन पत्रकार न्याय के लिए भटकता रहता

ऐसा ही मामला सैफई इटावा क्षेत्र का प्रकाश में आया है हां यह जरूर है पीड़ित पत्रकार ने पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमे की शिकायत डीआई जी कानपुर से की डीआईजी ने शिकायत का संज्ञान लेकर जांच एसपी साउथ को सौंपी है पीड़ित पत्रकार द्वारा डीआईजी एसएसपी को लिखे गए शिकायती पत्र में अवगत कराया

कि 18 मार्च को प्रदेश के डीजीपी से मिलकर लौट रहे थे तो नजीरावाद का पूर्व एसओ को मनोज रघुवंशी जो कि पूर्व परिचित था उसने वीडियो कॉल करके बुलाया और 2 फर्जी मुकदमे लगाकर जेल भेज दिया।
सुघर सिंह ने बताया उन्होंने सैफई थाने में पांच मुकदमे दर्ज करा रखे हैं उन मुकदमों की वापसी के लिए अभियुक्त व विवेचक अधिकारी लगातार जान से मारने की धमकी व फर्जी मुकदमे में फंसाए जाने की धमकी देते आ रहे हैं इन अभियुक्तों के खिलाफ अमेठी, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, आगरा, अयोध्या, इलाहाबाद, बनारस, इटावा में लगभग दो दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत हैं और कई बार जेल जा चुके हैं और चार्जसीट लग चुकी है। सैफई थाने में दर्ज मुकदमो में किसी भी अधिकारी ने कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि अपराधियों के साथ मिल गए और मुझे फर्जी तरीके से जेल भिजवा दिया उन्होंने आरोप लगाया मनोज रघुवंशी प्रभारी निरीक्षक ने मेरे मुकदमे के अपराधियों से दस लाख रुपए रिश्वत लेकर मुझे फर्जी तरीके से जेल भिजवाया पुलिस ने मेरा फर्जी एनकाउंटर करने के लिए मेरी रिवाल्वर से फायर किए व फर्जी बरामद तमंचे से भी फायर किए।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने मेरी जेब से बरामद 82,500 रुपये, व सोने की जंजीर अंगूठी छीन ली। मेरा एनकाउंटर न करने के लिए पत्नी से घर से मुझसे वीडियो कॉल करके दो लाख रुपये मंगवा लिए जो बहिन की शादी के लिए रखे थे। सुघर सिंह ने कहा कि जब पुलिस कोका कोला चौराहे से फर्जी गिरफ्तार करके थाने ले गयी तो थाने पर मेरे मुकदमे में शामिल लगभग एक दर्जन अभियुक्त थाने पर मौजूद थे। थाने की मेज पर फर्जी तमंचा व पुलिस का फर्जी आई कार्ड रखा हुआ था जिसका अपराधियो द्वारा वीडियो बनाया जा रहा था। सीओ ने फर्जी मुकदमे से जुड़े लगभग 30 बिंदुओं पर जांच व रिवॉल्वर व तमंचे की बैलेस्टिक जांच, के लिए पत्र दिया है उन्होंने बताया कि बोलेरो गाड़ी से 20 मुकद्दमा की फाइल व उनसे जुड़े सबूत की फाइल एसओ ने गाड़ी से गायब कर दी इसके अलाबा गाड़ी से काफी कीमती सामान गायब कर दिया गया। गाड़ी में गाली फ़िल्म नही थी और कागज भी पूरे थे इसके बाबजूद भी फर्जी चालान किया गया। सुघर सिंह ने कहा इस मामले में कानपुर के दो बड़े पुलिस अधिकारियों की भी भूमिका है जिसके लिए उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री, व मानवधिकार आयोग, अनुसूचित जाति जनजाति आयोग को पत्र लिखा है अब देखना यह है कि पीड़ित पत्रकार को न्याय मिलेगा या नहीं या यूं ही मामला अधर में लटका रहेगा आने वाला समय ही बताएगा