– रिपोर्ट अनमोल कुमार

आने वाले गुरूवार 20 अप्रैल 2023 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। लेकिन आपको बता दें कि ये सूर्य ग्रहण कोई आम सूर्य ग्रहण नहीं होने वाला है।
100 साल में पहली बार ऐसा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। जब सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आ जाएगा और कुछ देर के लिए सूर्य की रोशनी को ढक लेगा। ग्रहण सुबह 7:04 से शुरू होगा जो दोपहर 12:29 पर खत्म होगा। इस बार सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी। इस बार का सूर्य ग्रहण बेहद खास होने वाला है क्योंकि ये तीन रूपों में दिखाई देगा।

*क्यों होगा खास?*
सूर्यग्रहण 2023: – इस बार का सूर्यग्रहण इसलिए खास होगा क्योंकि ये तीनों रूपों में दिखाई देने वाला है। जिसमें आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण शामिल हैं। आंशिक सूर्यग्रहण में चंद्रमा सूर्य के छोटे हिस्से में आकर उसकी रोशनी को प्रभावित करता है। कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के बीचो बीच आकर रोशनी रोकता है। ऐसी स्थिति में सूर्य के चारों तरफ चमकदार रोशनी का गोला बन जाता है और बीच में अंधेरा हो जाता है।

-‘रिंग ऑफ फायर’

सूर्यग्रहण 2023: -जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक ही कतार में होते हैं तब पृथ्वी का एक भाग पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाता है। इस स्थिति को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है। आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण का मिश्रण ही हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहलाता है। ऐसी स्थिति लगभग 100 साल में एक बार देखने को मिलती है। इस सूर्यग्रहण के दौरान चंद्रमा की धरती से ना तो ज्यादा दूरी होती है और ना ही कम होती है। इस सूर्यग्रहण के दौरान सूरज कुछ सेकंड के लिए रिंग जैसी आकृति बना लेता है। जिसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है।

-12 घंटे पहले लगता है सूतक

सूर्यग्रहण 2023: – हिन्दू मान्यता के मुताबिक सूर्य ग्रहण के बारह घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है। सूतक काल में शुभ काम करने की मनाही होता है। लिहाजा भगवान की पूजा नहीं होती और मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। हालांकि साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। हालांकि ग्रहण के दौरान सूर्य मेष राशि में होंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन वैशाख माह की अमावस्या तिथि भी है। ऐसे में माना जा रहा है कि भले ही ग्रहण भारत में ना दिखाई दें लेकिन कुछ राशियों पर उसका असर जरूर पड़ सकता है।