रंगा परिवार का साहित्य के प्रति समर्पण बे-मिसाल है : छंगाणी
– शबनम साहित्य परिषद द्वारा बीकानेर के तीन पीढ़ी के तीन रचनाकारों को राष्ट्रीय स्तरीय शबनम साहित्य सम्मान 2021 अर्पित किया गया

बीकानेर , ( ओम एक्सप्रेस )
‘ये हमारे लिए बहुत गौरव की बात है कि हमारी सांस्कृतिक परंपरा की जड़ें बहुत गहरी हैं, इसी संदर्भ में रंगा परिवार की पीढ़ी दर पीढ़ी इसका पोषण कर रही है | हमें हमारे पूर्वजों के संस्कारों से प्रेरणा एवं सीख लेनी चाहिए | आज हुआ सम्मान कार्यक्रम साझा एवं भारतीय संस्कृति का सम्मान है इसके लिए सस्थां बधाई की पात्र है |’ ये विचार समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि समालोचक डॉ. मदन सैनी ने व्यक्त किए | अवसर था शबनम साहित्य परिषद सोजत पाली द्वारा स्थानीय नागरी भण्डार बीकानेर में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय सम्मान समारोह आपका सम्मान आपके द्वार के तहत तीन पीढ़ी के तीन रचनाकारों वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा, कवि कथाकार कमल रंगा और युवा साहित्यकार पुनीत कुमार रंगा के सम्मान समारोह का |
सम्मान समारोह के संयोजक वरिष्ठ शायर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता बीकानेर नगर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं जागती जोत पत्रिका के संपादक शिवराज छंगाणी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि रंगा परिवार के तीन पीढ़ी के तीनों रचनाकार राजस्थानी एवं हिंदी साहित्य के लिए समर्पित हैं | रंगा परिवार का साहित्य के प्रति समर्पण बेमिसाल है | संस्था ने रंगा परिवार की तीन पीढ़ी के तीन रचनाकारों का सम्मान करके आत्मीयता का परिचय दिया है |
इस अवसर पर कार्यक्रम की आयोजक संस्था शबनम साहित्य परिषद के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अब्दुल समद राही ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि संस्था और संस्था के पदाधिकारी रंगा परिवार के तीनों सम्मानित साहित्यकारों का सम्मान करके गौरव का अनुभव करते है | उन्होंने बीकानेर की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परंपरा की ता’रीफ़ करते हुए कहा कि यहां के साहित्यकारों का साहित्य, संस्कृति एवं कला के प्रति समर्पण बेमिसाल है |
संस्था की ओर से सम्मान स्वरूप तीनों सम्मानित साहित्यकारों को माल्यार्पण,साफा, उपरना, शॉल, सम्मान पत्र तथा सोजत की मेहंदी भेंट करके सम्मानित किया गया | सम्मान पत्रों का वाचन क्रमशः शायर वली मोहम्मद ग़ौरी,संस्कृतिकर्मी डॉ. फ़ारुक़ चौहान और लेखक राजाराम स्वर्णकार ने किया |
श्री जुबली नागरी भंडार ट्रस्ट की तरफ से ट्रस्ट के व्यवस्थापक नंदकिशोर सोलंकी ने तीनों सम्मानित साहित्यकारों का माल्यार्पण द्वारा स्वागत सत्कार किया |

सम्मान से अभिभूत होते हुए अपना आशीर्वचन देते हुए वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा ने कहा कि आज का सम्मान बीकानेर की सूजन परंपरा का सम्मान है आपने कहा कि हमें हमारी सृजन की विरासत को आगे वाली वाली पीढ़ियों तक विस्तारित करना है |
कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि आज का सम्मान राष्ट्रीय स्तर से भी बढ़कर आत्मीय समान है जिसकी जितनी ता’रीफ़ की जाए कम है | पुनीत कुमार रंगा ने कहा कि संस्था ने आज राष्ट्रीय स्तरीय सम्मान से सम्मानित करके सृजन के प्रति मेरी ज़िम्मेदारी को और अधिक बढ़ा दिया है जिस का ईमानदारी से निर्वहन करने की मैं भविष्य में पूरी पूरी कोशिश करूंगा |
कार्यक्रम संयोजक क़ासिम बीकानेरी ने कहा कि सोजत के साहित्यकारों ने बीकानेर आकर बीकानेर साहित्य जगत में सोजत की मेहंदी का रंग घोल दिया है और इसकी ख़ुशबू से साहित्य जगत में एक महक पैदा कर दी है जिससे हम सब बरसों बरस तक सुवासित होते रहेंगे |
कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था का परिचय सोजत के साहित्यकार एवं संस्था संरक्षक रशीद ग़ौरीे ने पेश किया |
तीनों सम्मानित शख़्सियतों का परिचय एवं रंगा परिवार रे रंग रा दोहा का बेहतरीन वाचन सोजत के वरिष्ठ कवि एवं संस्था संरक्षक वीरेंद्र लखावत ने करके सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया | कार्यक्रम में सोजत से पधारे संस्था संरक्षक एवं खेल प्रशिक्षक मुरलीधर जोशी ने भी अपने विचार पेश किए |
इस अवसर पर वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी के 69 वें जन्मदिवस पर उनको बधाई देते हुए माला, बुके और साहित्य भेंट किया गया |
कार्यक्रम में साहित्य,कला,समाज सेवा एवं फिल्म जगत के अनेक प्रबुद्धजन मौजूद थे जिनमें अनवर उस्ता, मोलाना अब्दुल वाहिद अशरफी़, निर्मल कुमार शर्मा, मइनुद्दीन नाचीज़ कोहरी, डॉ. अजय जोशी, संजय आचार्य वरुण, गिरिराज पारीक, सागर सिद्दीक़ी, असद अली असद, डॉ. ज़ियाउल हसन क़ादरी, मधुरिमा सिंह,मुख़्तियार अहमद बाबा ख़ान, एम. रफ़ीक़ क़ादरी, उमाशंकर मूथा, प्रेम नारायण व्यास, गिरधर गोपाल किराडू, माजिद ख़ान ग़ौरी, सुशील छंगाणी, आशीष छंगाणी, राजेश रंगा, हरि नारायण आचार्य, सुमित रंगा, अंकित रंगा, आशीष रंगा, धर्मेंद्र राठौड़, डॉ. तुलसीराम मोदी, गोपाल महाराज, छगनलाल एंव सय्यद इमरान अली सहित अनेक लोग मौजूद थे | कार्यक्रम का संचालन क़ासिम बीकानेरी ने किया और अंत में आभार संस्था संरक्षक सत्तू सिंह भाटी ने ज्ञापित किया |