बीकानेर।विश्व क्रिकेट की महान हस्ती राजसिंह डूंगरपुर की बहिन व बीकानेर राजमाता सुशीला कुमारी को रविवार को नम आंखों व गमगीन हृदय के साथ अंतिम विदाई दी गई। अंतिम यात्रा के दौरान गाजे-बाजे के साथ उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लोग उमड़ पड़े। जिस ड्योढ़ी में कभी सुशीला कुमारी दुल्हन बनकर आई थी, आज उसी परिसर से उनकी पार्थिव देह बाहर निकली।
महारानी साहिबा से “दाता” और “दादीसा” जैसे नाम से पहचान रखने वाली सुशीला कुमारी की अंतिम यात्रा तय समय के मुताबिक साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई और जूनागढ़ के आगे से होते हुए पब्लिक पार्क, जयपुर रोड होते हुए सागर पहुंची। राजाओं का राज तो अब नहीं रहा लेकिन सुशीला कुमारी बीकानेर की “राजमाता” के रूप में ही स्वीकार की गई। खुशी और गम में हमेशा बीकानेर के साथ खड़ी रहने वाली राजमाता को विदाई देने के लिए सड़क के दोनों और भीड़ थी। कोई उनकी राह में फूल बरसा रहा था तो कोई शीश झुकाकर अपने भाव प्रकट कर रहा था। अपने जीवन में भले ही उन्होंने राजमाता को नजदीक से नहीं देखा लेकिन सम्मान का भाव हर किसी के चेहरे पर था। देवीकुंड सागर में अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। बीजेपी नेता, राजेन्द्र सिंह राठौर, पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी, मंत्री डॉ बी डी कल्ला, विधायक बिहारी लाल विश्नोई, संभागीय आयुक्त नीरज के पवन, बीएसएफ पुष्पेंद्र सिंह सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे।