-राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा दिलवाने के लिये शहीद स्मारक, -जयपुर में हुई सभा एवं केंडल मार्च

जयपुर,- राजस्थानी युवा समिति ने राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा बनाने के मुद्दे को लेकर प्रवासी भारतीय दिवस के दिन आज शहीद स्मारक पर हजारो की संख्या में एकजुट होकर अपनी एकता का सन्देश दिय। राजस्थानी युवा समिति के शहीद स्मारक पर हुए आयोजन आज अभिषेक चौधरी एन.एस. यू आई प्रेसिडेंट, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविन्द्र सिंह भाटी, जे एन वी यू छात्रसंघ अध्यक्ष अरविंद सिंह भाटी, महासचिव राजस्थान विश्विद्यालय अरविंद जाझड़ा, छात्रसंघ अध्यक्ष कोटा विश्विद्यालय अजय परेटा, अजमेर से छात्रसंघ अध्यक्ष महिपाल, एम एल एस यू छात्रसंघ अध्यक्ष कुलदीप सुवावत एवं मोती सिंघ जोधा, शुभम रेवाड़ एवं राजस्थान कि सभी यूनिवर्सिटी से छात्र नेता, सर्व समाज के अध्यक्षो एवं अलग अलग जिलों से आये युवाओं ने बढ़चढ़ कर सभा एवं केंडल मार्च में एकजुट होकर यह बता दिया की सभी लोग राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा दिलाने के लिए संघर्षरत है। पूरे राजस्थान में राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा मिले इस के लिए हर जिले, संभाग में “हेलों मायड़ भासा रौ” के नाम से कार्यक्रम किये जा रहे है, गौतलब है राजस्थानी युवा समिति ने पूरे विश्व मे फैले राजस्थानियों का समर्थन जुटाने के लिये ट्वीटर पर एक मुहीम छेड़ी, जिससे ट्वीटर पर #राजस्थानीमांगेराजभासा हेसटैग को लगभग 2,00,000 से अधिक लोगो ने ट्वीट कर ट्रेंडिंग इन इंडिया नम्बर 1 पर ला कर राजस्थानी भाषा को समर्थन दिया।

राजस्थानी युवा समिति के अध्यक्ष अरुण राजपुरोहित ने कहा की राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा नहीं मिला तो राजस्थान के लोग आंदोलन करेंगे। समिति ने अपने आधिकारिक बयान से स्पष्ट किया है की अगर सरकार वक़्त रहते नहीं चेती तो आने वाले वक्त में युवा भूख हड़ताल करेंगे। राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा माणक अलंकरण जोधपुर में किये गए मिलने के वादे को याद दिलाने के लिये राजस्थानी युवा समिति ने शहीद स्मारक, जयपुर में आज केंडल मार्च और सभा में पूरे राजस्थान के युवाओं को एक साथ लाकर ये बता दिया की यदि सरकार 23 जनवरी से पहले मिलने का समय नहीं देती है तो पुरे राजस्थान के युवा आंदोलन पूरी ताकत से आंदोलन करेंगे और आंदोलन में राजस्थान के हर संभाग से युवा शामिल होंगे।

राजस्थानी युवा समिति के राष्ट्रीय सलाहकार राजवीर सिंह चलकोई ने कहा की राज्य के बजट को ध्यान में रखते हुए राजस्थानी युवा समिति पीछले कई महीनों से सक्रीय रूप से पूरे राजस्थान में घूम घूम कर युवाओं को राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिये साथ जोड़ रही है और इसका असर अब राजस्थान के युवाओं में दिखने भी लगा है युवा अपने अपने तरीके से गीत ,नाटक, फ़िल्म, संगीत, कविता राजस्थानी में लिखने बनाने लगे है, उन्हें मंचो पर राजस्थानी बोलने में भी अब कोई हिचक नही है। राजवीर सिंघ चलकोई इतिहास विद है और युवाओ व विधार्थियों को राजस्थान के इतिहास के साथ साथ भाषा एवं राजस्थान के महान साहित्य के प्रति सम्मान हेतु भी प्रेरित करते है।

अशोक गहलोत से राजस्थानी युवा समिति राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा देने की मांग कर रही है जो पूरी तरह से उचित मांग है।

राजस्थानी को राज्यभाषा का दर्जा मिलने से रोगजार में बढ़ोतरी होगी, भाषा की मान्यत से कई फायदे जुड़े है सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे प्रदेश के स्थानीय युवाओं को रोजगार के भरपूर अवसर मिलेंगे। कानूनी रूप से अधिकृत भाषा नहीं होने की वजह से अभी तक भाषा के आधार पर रोजगार नहीं मिल पा रहे हैं।
अनुच्छेद 345 के आधार पर राज्य सरकार कानून बनाकर राजस्थानी को राज्यभाषा का दर्जा दे सकती है।
राज्य सरकार विधानसभा में विधेयक पेश करके इस संबंध में कानून बनाकर भी राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा दे सकती है। देश की कई राज्य सरकारों ने अपने क्षेत्र की अलग -अलग भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया है।
राजस्थानी युवा समिति के उपाध्यक्ष प्रवीण मकवाणा ने पूरे राजस्थान से आये युवा साथियों को समिति के उद्देश्यों एवं अब तक किये कार्यो का ब्यौरा दिया अंत मे राष्ट्रीय सलाहकार राजवीर सिंघ चलकोई ने अपने वक्तव्य में समिति की तरफ से सभी पधारे साथियों का धन्यवाद दिया एवं राजस्थान सरकार से समय रहते राजस्थानी को राज्यभाषा बनाने का आह्वान किया, उन्होंने पूरे राजस्थान के युवाओं को एकजुट रहकर इस लड़ाई को जीतने के लिये प्रेरित किया। राजवीर ने बताया बृज, मेवाती, हाडौती, मारवाड़ी ही नहीं वो सारी बोलियां जो 2003 के प्रस्ताव में इसी सरकार ने केंद्र को भेजी थी वो सारी मिलकर ही राजस्थानी बनाती है और राजस्थानी युवा समिति सरकार से वही प्रस्ताव राज्य में लागू करने की मांग कर रही है।