डाॅ. राजपुरोहित को साहित्य अकादेमी अवार्ड पर ब्रह्मधाम गादीपति ने दी बधाई
Badmer.भगवान श्रीब्रह्मजी मंदिर ब्रह्मधाम आसोतरा के गादीपति एवं राजपुरोहित समाज के आराध्य ब्रह्मस्वरूप श्री खेतारामजी महाराज के शिष्य तपस्वी संत अनंत विभूषित श्री तुलछाराम महाराज ने कहा कि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति पर हमें गर्व है । हमारी संस्कृति पूरी दुनिया में अद्वितीय है । हमारी भाषा एवं साहित्य पर हमें गर्व है । ब्रह्मधाम गादीपति ने रविवार को राजस्थानी भाषा के प्रतिष्ठित कवि-आलोचक डाॅ.गजेसिंह राजपुरोहित को साहित्य अकादेमी अवार्ड घोषित होने पर उनके आवास पर जाकर आशीर्वचन स्वरूप बधाई देते हुए कहे । इस अवसर पर डाॅ.राजपुरोहित के सकारात्मक साहित्यिक कार्यो की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति पूर्ण निष्ठा एवं समर्पित भाव कार्य करता है तो वो गुरूकृपा से सदैव अपने कार्यो में सफल होकर यशस्वी बनता है । हाॅल ही में साहित्य अकादेमी के सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त करने वाले डाॅ. गजेसिंह राजपुरोहित ने ब्रह्मधाम गादीपति को राजस्थानी काव्यकृति पळकती प्रीत, राजस्थानी संयोजक प्रोफेसर (डाॅ.) अर्जुनदेव चारण एवं साहित्य अकादेमी के बारे में विस्तृत जानकारी दी । इस अवसर पर नरपतसिंह बासनी, तगसिहं, डाॅ. सोहनसिंह घेवड़ा, सुमेरसिंह कानोडिया, प्रवीण सिंह चामुंडा, मानवेंद्रसिंह निम्बोल सहित राजपुरोहित समाज के अनेक समाज बंधु एवं साहित्य प्रेमी मौजूद रहे ।