

इधर राजस्थान में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू की
6 अप्रैल तक 52 हजार बूथों पर 11 लाख पन्ना प्रमुख नियुक्त हो जाएंगे
जयपुर , ( ओम दैया)।राजस्थान में आगामी विधानसभा के चुनावों के लिए भाजपा ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान में भाजपा की कमान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सोंपता है तो राजस्थान में भाजपा सरकार बनाने में सफल हो जाएगी। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का राजस्थान में विधानसभा की “70” सीटों पर सीधा प्रभाव है। गत विधानसभा चुनाव राजस्थान में भाजपा ने राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में लड़ा था। टिकटों के गलत वितरण और भाजपा के भितरघात के कारण पार्टी कई सीटों पर चुनाव हार गई थी। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व वसुंधरा राजे के अलावा राजस्थान में किसी और को विधानसभा चुनावों की कमान सोंपता है तो कांग्रेस और भाजपा में कड़ा संघर्ष होगा। राजस्थान में मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी के अशोक गहलोत का जादू कम नहीं है। कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फ्री हैंड कर रखा है। जिस कारण आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण करने में अशोक गहलोत को कोई परेशानी नहीं आएगी। भाजपा में वसुंधरा का खेमा और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व 2 धड़ों में बंटा हुआ साफ दिखाई दे रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को डेढ़ लाख वोट ही कम मिले थे। कांग्रेस पार्टी के अशोक गहलोत ने निर्दलीयों के सहयोग से जोड़-तोड़ कर सरकार बनाई थी। राजस्थान में कई विधानसभा सीटों पर हार जीत का अंतर भाजपा और कांग्रेस में 1000 वोटों से लेकर 5000 वोटों तक रहा था। राजस्थान में भाजपा की कमान फिर से संभालने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जहां राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात करने में व्यस्त है, वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। प्रदेश भर में 52 हजार मतदान केंद्र (बूथ) हैं। पूनिया की रणनीति है कि मतदान केंद्र वाली मतदाता सूची के एक पृष्ठ (पन्ना) पर एक कार्यकर्ता की नियुक्ति हो। एक पृष्ठ पर करीब 60 मतदाताओं के नाम होते हैं। पूनिया चाहते हैं कि भाजपा का एक पन्ना प्रमुख सिर्फ आठ मतदाताओं का ही ध्यान रखे। प्रदेशभर की मतदाता सूची के 11 लाख पृष्ठ माने जा रहे हैं, इसलिए 11 लाख भाजपा कार्यकर्ताओं को पन्ना प्रमुख नियुक्त किया जाएगा। पन्ना प्रमुख बनाने का अभियान 26 मार्च को सतीश पूनिया ने खुद श्रीगंगानगर से शुरू किया। जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जिला कमेटियों पर पहुंच कर अभियान की शुरुआत की। पूनिया का प्रयास है कि 6 अप्रैल तक 11 लाख पन्ना प्रमुख बन जाएं। श्रीगंगानगर में पूनिया ने कहा कि भाजपा के यही 11 लाख कार्यकर्ता कांग्रेस की सरकार को हटाने का काम करेंगे। पूनिया ने कहा कि भाजपा संगठन और कार्यकर्ता आधारित पार्टी है।
वसुंधरा मुलाकातों में व्यस्त प्रदेश में जहां विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई है, वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गत 23 मार्च से ही भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात करने में व्यस्त है। वसुंधरा राजे चाहती हैं कि उन्हें फिर से भाजपा की कमान सौंपी जाए। 26 मार्च को राजे ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में राजे ने राजस्थान में अपनी भूमिका के बारे में बताया। इससे पहले 24 अप्रैल को राजे ने संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आदि से मुलाकात की। राजे ने 23 और 25 मार्च को उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोहों में भी भाग लिया। इन दोनों शपथ ग्रहण समारोहों में भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ साथ वसुंधरा राजे को भी खासतौर से आमंत्रित किया गया था। राजे मौजूदा समय में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है, लेकिन लंबे अर्से बाद राजे राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय नजर आई है। प्रदेश में फिर से भाजपा की कमान संभालने के पीछे राजे का सबसे बड़ा तर्क यही है कि 2018 के चुनाव में प्रदेशभर में भाजपा को कांग्रेस से मात्र डेढ़ लाख वोट ही कम मिले थे। मालूम हो कि 2018 में वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं और राजे के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा गया था।