_गरीब किसानों की खाद को विदेशी कंपनियों को बेचने का आरोप.
जोधपुर में सात बड़े कारोबारियों के 32 ठिकानों पर लगातार दूसरे दिन भी आयकर विभाग की जांच जारी।
जयपुर पहुंचने पर सीएम गहलोत ने कहा कि मैं डरने वाला नहीं
जयपुर ( ओम एक्सप्रेस )।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के जोधपुर स्थित आवास और अनुपम कृषि प्रतिष्ठान पर 17 जून को सीबीआई ने एक साथ छापामार कार्यवाही की है। अग्रसेन गहलोत पर गरीब किसानों की अनुदानित खाद को विदेशी कंपनियों को महंगे दामों में बेचने का आरोप है। इस आरोप के मद्देनजर ही केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने गहलोत पर 5 पांच करोड़ 56 लाख रुपए की पेनल्टी भी लगाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 में देश में जब खाद का भारी संकट था, तब सरकारी उपक्रम इंडियन पोटास लिमिटेड से अग्रसेन गहलोत ने भारी मात्रा में अनुदानित खाद प्राप्त की। कायदे से इस खाद को गरीब किसानों को रियायती दरों पर दिया जाना चाहिए था। लेकिन गहलोत और उनकी फर्म अनुपम कृषि ने खाद को विदेशी कंपनियों को महंगे भाव में निर्यात कर दिया। यह घोटाला वर्ष 2009 तक जारी रहा। वर्ष 2012-13 में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस घोटाले को उजागर किया। घोटाले में देश के अन्य शहरों के खाद बीज कारोबारी भी शामिल रहे, लेकिन केंद्र में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार चल रही थी। इसलिए इस खाद घोटाले को भूला दिया गया। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए की सरकार बनी तो यह खाद घोटाला एक बार फिर उजागर हुआ। पहले इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच पड़ताल की। घोटाले के आरोपी अग्रसेन गहलोत सहित देशभर के खाद बीज कारोबारियों से ईडी के अधिकारियों ने पूछताछ की। अग्रसेन गहलोत ने गिरफ्तारी से बचने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ से जमानत ले ली। इस मामले में अभी भी गहलोत की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट की रोक लगी हुई है। लेकिन कोर्ट ने गहलोत को निर्देश दिए हैं कि वे जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग करे। जानकारों की मानें तो घोटाले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई में एक नया मुकदमा दर्ज किया है। इस नए मुकदमे में ही 17 जून को जोधपुर में मंडोर स्थित आवास और पावटा स्थित प्रतिष्ठान पर सीबीआई ने एक साथ छापामार कार्यवाही की। सीबीआई के मुकदमे में अग्रसेन गहलोत के परिवार के अन्य सदस्यों को भी आरोपी बनाया गया है। यही वजह है कि सीबीआई के अधिकारी गहलोत के साथ साथ परिवार के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ कर रहे हैं। सीबीआई की इस कार्यवाही से जोधपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा गया है। अशोक गहलोत सरकार के मंत्रियों और पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंत्रियों का कहना है कि सीएम गहलोत दिल्ली में रहकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध की जो रणनीति बना रहे हैं, उससे घबरा कर ही सीबीआई ने मुख्यमंत्री के भाई पर छापामार कार्यवाही की है। केंद्र सरकार के इशारे पर हुई इस कार्यवाही से कांग्रेस डरने वाली नहीं है। नेताओं ने कहा कि पहले प्रवर्तन निदेशालय राहुल गांधी से पूछताछ के नाम पर तंग कर रहा है तो वहीं अब डराने के लिए मुख्यमंत्री के भाई पर छापामार कार्यवाही करवाई गई है। केंद्र की इस कार्यवाही का कांग्रेस के कार्यकर्ता डट कर मुकाबला करेंगे।
आयकर विभाग की जांच दूसरे दिन भी जारी:
जोधपुर में ही आयकर विभाग की आकस्मिक जांच पड़ताल 17 जून को लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। जोधपुर के रियल एस्टेट ज्वैलर्स बुलियन, हैंडीक्राफ्ट आदि के 7 बड़े कारोबारियों की 32 ठिकानों पर 16 जून को छापामार कार्यवाही की गई थी। यह कार्यवाही दूसरे दिन 17 जून को भी जारी रही। आयकर विभाग के अधिकारियों को बड़ी मात्रा में अघोषित आय मिलने की उम्मीद है। आयकर विभाग की इस कार्यवाही से भी जोधपुर में दहशत का माहौल बना हुआ है।
मैं डरने वाला नहीं : गहलोत
चार दिन बाद सीएम गहलोत दिल्ली को छोड़कर 17 जून को जयपुर लौट आए हैं। जयपुर लौटते ही गहलोत ने कहा कि मेरे भाई के यहां सीबीआई की कार्यवाही से मैं डरने वाला नहीं हंू। मैंने पिछले चार दिनों में दिल्ली रहकर केंद्र सरकार के खिलाफ जो प्रदर्शन किया उसी का परिणाम है कि मेरे भाई के यहां कार्यवाही की गई है। गहलोत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय भी राहुल गांधी से बेवजह की जांच कर रहा है। मैं कांग्रेस का एक कार्यकर्ता होने के नाते राहुल गांधी के साथ खड़ा हंू। मैं केंद्र सरकार को यह बताना चाहता हूं कि 19 जून को फिर दिल्ली जाऊंगा और जब 20 जून को राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ होगी तब दिल्ली में ही रहंूगा। गहलोत ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। गहलोत ने राहुल गांधी का तो प्रभावी तरीके से बचाव किया, लेकिन अपने भाई पर लगे आरोपों के बारे में कोई सफाई नहीं दी।