-कार्मिकों ने दिए सुझाव, जिला कलेक्टर ने कहा-सरकार का महत्वपूर्ण अंग हैं कार्मिक

बीकानेर, । राजस्थान मिशन-2030 के तहत कार्मिक विभाग के हितधारकों का परामर्श कार्यक्रम गुरुवार को जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुआ।
पहले चरण में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने वर्ष 2030 तक सरकारी सेवाओं की अदायगी से राजस्थान को देश का सिरमौर राज्य बनाने संबंधी सुझाव दिए। वहीं दूसरे चरण में विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले युवाओं ने अपनी बात रखी।
सरकारी कार्मिकों के साथ चर्चा करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि सरकारी कर्मचारी किसी भी सरकार का महत्वपूर्ण अंग होता है। योजनाओं की बेहतर क्रियान्विति की जिम्मेदारी कर्मचारियों पर होती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान को पहले पायदान पर ले जाने के लिए सरकारी कार्मिकों के सुझाव महत्वपूर्ण हैं।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) प्रतिभा देवठिया ने कहा कि कार्मिकों को समय-समय पर विभागीय कार्यों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाए। एडीएम (सिटी) जगदीश प्रसाद गौड़ ने राजस्थान मिशन-2030 के उद्देश्यों और क्रियान्वित की टाइमलाइन की जानकारी दी।
शिक्षा निदेशालय के आनंद कुमार साध ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में कार्य के अनुसार पदों की स्वीकृति हो और उत्कृष्ट कार्य करने वालों कार्मिकों को राज्य स्तर पर प्रोत्साहित करने की विभागवार नीति बनाई जाए। लेखा सेवा के मुकेश जोशी पदोन्नति प्रक्रिया को एफिशिएंसी बेस बनाने, स्थानांतरण की नीति तैयार करने और रिक्त पदों को भरने का सुझाव दिया। शिक्षा विभाग के निजी सहायक विजय शंकर आचार्य ने राज्य सरकार के विभिन्न सर्कुलर विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने, एसएमएस अथवा अन्य माध्यमों से उनकी जानकारी देने तथा यूट्यूब पर के माध्यम से सरल भाषा में इन्हें प्रसारित करने का सुझाव दिया। घनश्याम स्वामी ने कहा कि सेवानिवृत होने वाले कार्मिकों के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जाए, जिससे पेंशन से संबंधित सूचनाएं समय पर मिल सकें।
उपखंड अधिकारी पवन कुमार ने राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली को और अधिक बेहतर बनाने संबंधी सुझाव दिए। इस दौरान सहायक निदेशक (जनसंपर्क) हरि शंकर आचार्य, शिवकुमार व्यास, अर्जुन नाथ सिद्ध, मनीष जोशी, मुजीबुररहमान आदि ने भी अपने सुझाव दिए।
*’युवाओं ने कहा, एआई से जुड़े शिविर लगें, कम्युनिकेशन स्किल और वोकेशनल प्रशिक्षण हों आयोजित’*
परामर्श कार्यक्रम के दूसरे चरण में युवाओं ने मिशन 2030 पर अपने विचार रखे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे वंश शर्मा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते हुए महत्व को देखते हुए इससे संबंधित शिविर आयोजित किए जाएं। रामचंद्र ने कहा कि बारहवीं के बाद वोकेशनल कोर्सेज से जुड़े प्रशिक्षण करवाए जाएं। ललिता उपाध्याय ने राजस्थान सरकार की अनुप्रति कोचिंग योजना की सराहना की और कहा कि ऐसी और योजनाएं चालू की जाएं। अनिल बिश्नोई ने छोटे उद्योग लगाने के लिए युवाओं को ऋण उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया। दीपक पड़िहार ने कहा कि कोचिंग क्लासेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों की काउंसलिंग करने का सुझाव दिया। इस दौरान वसीर अहमद, रितिका सुथार, प्रियंका जयपाल, ममता स्वामी सहित अनेक युवाओं ने अपनी बात रखी।