जयपुर,(ओम एक्सप्रेस)। राजस्थान में कोरोनावायरस संक्रमण और संकट से जूझ रही राजस्थान सरकार पर और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर एक बार फिर अल्पमत का संकट मंडराने लगा है सचिन पायलट गुट के और करीबी माने जाने वाले बाड़मेर कि गुडामालानी से कांग्रेस के विधायक और वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी के इस स्थिति को अभी 24 घंटे भी नहीं पूरे हो गए है कि सचिन पायलट गुट के ही एक और कांग्रेस विधायक ने आज इस्तीफे की धमकी देकर राजस्थान की गहलोत सरकार में भूचाल ला दिया है और इस कोरोना महामारी के बीच ही सियासत को गरमा दिया है चौधरी के बाद एक और कांग्रेसी विधायक के इस्तीफे की धमकी से अब लगता है कि सचिन पायलट घुटने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है ।

बाड़मेर जिले के गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र से छह बार के विधायक और दो बार कैबिनेट मंत्री रहे हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद चाकसू से कांग्रेस के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी इस्तीफा देने की धमकी दी है। इस तरह 2 दिन के भीतर कांग्रेस के दूसरे विधायक ने इस्तीफा देने की धमकी देकर पार्टी में भूचाल ला दिया है। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए हेमाराम चौधरी के इस्तीफे को कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति करार देते हुए कहा है कि अगर सरकार में विधायकों के काम नहीं होंगे तो फिर इस्तीफा ही देंगे, कब तक बैठे रहेंगे।

हेमाराम चौधरी के इमानदारी को इंगित करते हुए वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि हेमारामजी ऐसे इमानदार व्यक्ति हैं, जिनके पास बेईमानी का 1 नहीं है और 6 बार के विधायक रहने के बाद भी सरकार में काम नहीं हो रहे हैं, यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। भावुक हेमाराम चौधरी ने इसलिए इस्तीफा दिया, क्योंकि उनके विधानसभा क्षेत्र में सरकार काम नहीं कर रही है।

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सरकार पर अफसरशाही हावी होने की बात को स्वीकार करते हुए वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा है कि जब सत्ता का केंद्रीकरण होता है और कई मंत्रालय बिना मंत्रियों के रहते हैं तब और मंत्रालयों में अफसर ही सब कुछ करते हैं, निश्चित रूप से राजस्थान में अफसरशाही हावी है और कांग्रेस के विधायकों कार्यकर्ताओं के नाम नहीं हो रहे हैं। पहली बार विधायक बने वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि जब 6 बार के विधायक हेमाराम चौधरी जैसे बड़े वरिष्ठ नेताओं के कार्य नहीं हो रहे हैं तो ऐसी स्थिति में हम जैसे नए विधायकों के काम कैसे हो सकते हैं। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार सचिन पायलट कैंप के विधायकों के कार्यों में रुकावट डाल रही है।

कार्य नहीं होने की बात पर ही आगे वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि अगर उनके भी कार्य नहीं होंगे तो निश्चित ही वे खुद भी हेमाराम चौधरी की तरह विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। उनका कहना है कि अगर कोई विधायक अपने क्षेत्र में काम नहीं करवा सकता है तो फिर ऐसे में विधायक बने रहने का कोई मतलब नहीं है। विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने यह भी कहा कि हेमाराम चौधरी को अपना इस्तीफा वापस लेना चाहिए और राज्य में कांग्रेस को मजबूत करना चाहिए। साथ ही उन्होंने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को भी नसीहत देते हुए कहा है कि जिन लोगों के काम नहीं हो रहे हैं, उनकी नाराजगी दूर करनी चाहिए और सत्ता का विकेंद्रीकरण करना चाहिए, ताकि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के कार्य जल्दी से जल्दी हो सके।

इसके साथ ही विधायक ने यह भी कहा कि किसी भी विधायक का नाम किसी गुट के साथ जोड़कर उसके कार्य में रुकावट नहीं डालनी चाहिए। सरकार कांग्रेस पार्टी की है ऐसे में कांग्रेस के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं के कार्य बिना किसी भेदभाव के होने चाहिए।