– ऑनलाइन बुकिंग शुरू
जयपुर ,( ओम दैया )। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक श्री राजेश्वर सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग के माध्यम सेविभागाध्यक्षो एवं मुख्य प्रबन्धको की बैठक में 10 जून से राज्य में 1600 बसें संचालित करने का लक्ष्य दिया गया है।
रोडवेज सीएमडी श्री राजेश्वर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार 10 जून से सार्वजनिक परिवहन संचालन की अनुमति प्रदान करने के बाद आज बैठक में राज्य सीमा में 1600 बसों का संचालन बस की बैठक क्षमता अनुसार करने का निर्णय लिया गया तथा मांग अनुसार बसों का संचालन मुख्य प्रबन्धक स्तर पर बढाने के निर्देश भी दिये गये।

श्री सिंह ने बताया कि आम नागरीक की सुरक्षा की दृष्टि से राजस्थान रोडवेज के सभी बस स्टेण्डो पर थर्मल गन स्केनिंग के उपरान्त ही बस स्टैण्ड व बस में प्रवेश देने को पूर्ण सख्ती से लागू करने एवं बसो तथा बस स्टैण्डो का सेनेटाईजेशन करने तथा रोडवेज स्टाफ को भी संक्रमण से सुरक्षा के लिये मुख्य प्रबन्धको को निर्देश दिये गये है।
श्री सिंह ने बताया कि अन्तर्राज्यीय बस सेवाओं का संचालन सम्बन्धित राज्यो द्वारा बस संचालन अनुमत करने के साथ ही शुरू करने के लिये मुख्य प्रबन्धकों को निर्देशित कर दिया गया है जिससे अन्तर्राज्यीय बस सेवाओं को आमजन को तत्काल लाभ मिल सकें।
श्री सिंह ने यह भी बताया कि 10 जून से और संचालित की जाने वाली बसों की समय सारिणी एवं भीड-भाड से बचने व सोश्यल डिस्टेसिंग बनोये रखने के लिये ऑनलाईन टिकिट 09 जून, 2021 से राजस्थान रोडवेज की वेबसाईट www.rsrtconline.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध करा दी गई है। ऑनलाईन बुकिंग पर 5 प्रतिशत केशबैक का लाभ ले सकते है साथ ही यदि आप ऑनलाईन टिकिट नही करा पाते है तो सम्बन्धित बस स्टैण्ड पर टिकिट काउण्टर से या बस के अन्दर बैठकर परिचालक से भी टिकिट ले सकते है। बस मे सवारियां केवल अनुमत बैठक क्षमता तक ही बैठाई जावेंगी। यात्रियों को समय पर पहुॅचकर यात्रा करने की सलाह दी जाती है। यात्रा के समय मास्क अनिवार्य रूप से पहनने तथा साथ में सेनेटाईजर ले जाने की सलाह भी दी जाती है।

यहा यह भी उल्लेखनीय है कि राजस्थान रोडवेज लॉक डाउन 10 मई से पूर्व लगभग 3800 बसों से प्रतिदिन 12.50 लाख किलोमीटर संचालिक कर 4.50 करोड़ रू0 से ज्यादा राजस्व प्रतिदिन अर्जित कर राजस्थान के अलावा 11 राज्यों के लिये अपनी बस सेवाएं संचालित कर रहा था, जिससे लगभग 7.00 लाख यात्रियों को बस सुविधा उपलब्ध हो रही थी।