“स्वतंत्र भारत के 75 साल और चुनौतियां “विषय पर संगोष्ठी

“राजस्थान-मलयाली मैत्री चैप्टर का उद्घाटन”

जयपुर,(दिनेश”अधिकारी”)। राजस्थान-मलयाली मैत्री का उद्घाटन” राजस्थान विधानसभाध्यक्ष सी पी जोशी और केरल विधानसभाध्यक्ष एम बी राजेश ने उद्घाटन किया।डॉ.संजय”माधव” ने “राजस्थान-मलयाली मैत्री संघम” को आज की आवश्यकता बताते हुए कहा कि आज भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति को आरएसएस-भाजपा जैसी विचारधारा के लोग नष्ट करना चाहते हैं ,ऐसी ताकतों से देश को बचाने के लिए ऐसे साझे मंच आवश्यक हो गए हैं? स्वागत भाषण देते हुए विधायक बलवान पूनिया ने कहा कि इस संघम के माध्यम से आजादी के आंदोलन की साझी विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। प्रो.राजीव गुप्ता ने कहा कि यह सांस्कृतिक संघम भारत के बहुलतावादी स्वरूप को सांस्कृतिक-राजनीतिक रूप से मजबूत करेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभाध्यक्ष जोशी ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद लोकतांत्रिक संस्थाओं में विचारधाराओं का क्षरण हुआ है, अभाव हो गया है।इसे रोकने के लिए विधायिका को चिन्तन करना पड़ेगा। गरीब आज भी वंचित है, लेकिन आज भी हम समस्याओं को रेखांकित नहीं कर पा रहे हैं। केरल विधानसभाध्यक्ष एम.बी. राजेश ने धर्मनिरपेक्षता संघवाद, आर्थिक न्याय व सामाजिक न्याय के सम्मुख चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में हमें आधुनिक देश दिया। आज हमारे सामने इन हिन्दू राष्ट्रवालों से देश के संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को बचाने,आर्थिक न्याय और सामाजिक न्याय स्थापित करने की चुनौती है।

अध्यक्ष मंडल की ओर से सैमिनार को सम्बोधित सनी सेबेस्टियन ने राजस्थान में मलयाली लोगों के तथा केरल में राजस्थानी लोगों के शिक्षा और संस्कृति में योगदान की चर्चा की तथा मैत्री संघम के गठन को सांस्कृतिक एकजुटता की भावना का प्रतीक बताया। राजस्थानी-मलयाली मैत्री संघम का संरक्षक राजस्थान और केरल के विधानसभाध्यक्षों श्री सी पी जोशी और एमबी राजेश को बनाते हुए राजस्थानी मलयाली मैत्री संघम के राजस्थान चैप्टर का गठन किया गया।

– कमेटी में एस.मोहन कुमार, डॉ.संजय”माधव”,के.एस.रघु,पी.आर. प्रदीप,रजी थामस,पीके राजेश,ए.पी.दामोदरन,ओम सैनी, सनी सेबेस्टियन,आर सी शर्मा, विजया श्रीवास्तव,स्मिता शुक्ला, बलवान पूनिया,निशा सिद्धू सुमित्रा चोपड़ाकार्यक्रम के अध्यक्ष मंडल में श्री ओम सैनी,मुकेश कुमार मीणा,सनी सेबेस्टियन,रविंद्र शुक्ला, नरेन्द्र आचार्य को चुना गया।