– गहलोत करेंगे विश्वास प्राप्त जयपुर। राजस्थान विधान सभा का विशेष सत्र सोमवार से शुरू होगा, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार विश्वास मत प्राप्त करने का प्रस्ताव रखेगी , जिस कूटनीति से अशोक गहलोत ने यह विशेष सत्र बुलाकर राजनैतिक चाल चली है, उससे ऐसा लगता है कि सरकार को विश्वास मत प्राप्त हो जायेगा, हालांकि विद्रोही पायलट गुट ने दावा किया है कि गहलोत को मात्र 88 विधायकों का समर्थन ही प्राप्त है, मगर इस दावे में कोई दम लगता नहीं, क्योंकि सूत्रो के अनुसार 102 विधायक तो अभी गहलोत की बाडेबंदी में है, जहां तक विद्रोहियों को क्रास वोटिंग की उम्मीद है, ऐसी स्थिति में संभावना कम ही लग रही है, कुछ संभावना है उसको भी गहलोत सफल नहीं होने देंगे, राजनैतिक चर्चा ओ के अनुसार राजनीति का पक्का खिलाड़ी है, पहले तो सरकार के पक्ष में मत देने की पार्टी व्हिप जारी करेगी, फिर गहलोत कोरोना जैसी महामारी का हवाला देकर ऑन लाइन वोंटिग का प्रयास करेंगे, इसमें सफलता मिल गई तो विद्रोहियों की उम्मीदों पर पानी फिर जायेगा, कारण बाडेबंदी वाले तो गहलोत सरकार के विरुद्ध मतदान कर नहीं पायेंगे, पायलेट खेमे के भी अनेकों विधायकों को सरकार के समर्थन में मतदान करना पडेगा, अन्यथा उनकी विधायकी चली जायेगी, हालातों से तो स्पष्ट लगता है कि अब गहलोत सरकार को खतरा नहीं है, फिर भी राजनीति में कुछ कहा नहीं सकता ।

-विधान सभा सत्र पर लगा विराम जयपुर। जानकार सूत्रो से पता चला है कल सायं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजस्थान विधान सभा का विशेष सत्र सोमवार से बुलाये जाने की सहमति बनने के बाद देर रात अचानक एक दफे विधान सभा सत्र बुलाने की फाईल राज्यपाल ने रोक दी है, जिसके अभाव में अब सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र पर एक दफे विराम लग गया बताते हैं, फिर भी संभावना खत्म नहीं हुई है। जानकार सूत्रो ने बताया कि सारे प्रकरण पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, इस बात का ध्यान रखते हुवे कानूनी सलाह के बाद ऐसा किया गया है, बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने पर निर्णय होगा।