जयपुर।करीब 10 महीने बाद राज्य सरकार ने प्रदेश में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट (Amended Motor Vehicle Act) के प्रावधानों को लागू कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बुधवार शाम परिवहन विभाग ने इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी (Notification issued) कर दिया है. इसके तहत अगर अब आप प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते है तो यह आपको महंगा नहीं काफी महंगा पड़ सकता है.
हालांकि, राहत की बात ये है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित जुर्माने को प्रदेश सरकार ने दस गुना तक कम किया है. जैसे-रेड लाइट जंप करने पर केंद्र ने 10 हजार रु. का भारी-भरकम जुर्माना लगाया था, जबकि प्रदेश सरकार ने इसे एक हजार रु. किया है.
वहीं सामान्य अपराध जैसे सड़क चिन्ह की अवहेलना करने, पार्किंग नियम तोड़ने, अनाधिकृत सायरन या लाइट लगाने, वाइपर नहीं होने, काली फिल्म लगाने जैसे सामान्य श्रेणी के अपराधों के लिए टू व्हीलर के लिए जुर्माना राशि 100 और फॉर व्हीलर के लिए 200 रुपए ही रखी गई है.
दरअसल केन्द्र सरकार ने 1 सितंबर 2019 को मोटर व्हीकल एक्ट-1988 के संशोधित प्रावधानों को पूरे देश के लिए लागू कर दिया था. लेकिन राजस्थान सहित कई राज्यों ने जुर्माना राशि को अधिक बताते हुए इसे अपने यहां लागू नहीं किया था.
इसके चलते प्रदेश में पुराने एक्ट के अनुसार ही जुर्माना राशि वसूल की जा रही थी. लेकिन अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद प्रदेश में भी संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लागू कर दिया गया है.
ये नियम होंगे लागू:
बिना हेलमेट – 1 हजार रुपये
बिना सीट बेल्ट- 1 हजार रुपये
टू व्हीलर पर तीन सवारी- 1 हजार रुपये
बिना इंशयोरेंस- 2 हजार रुपये
बिना लाइसेंस- 5 हजार रुपये
तेज गति से बाइक व कार चलाने पर- 1 हजार रुपये
तेज गति से टूरिस्ट व भारी वाहन चलाने पर- 2 हजार रुपये
खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर- 1 हज़ार रुपये, दूसरी बार यही अपराध करने पर- 10 हज़ार रुपये
वाहन गति मापने और बिना अनुमति रेसिंग- 5 हज़ार रुपये, दूसरी बार यही अपराध करने पर 10 हज़ार रुपये
ध्वनि व वायु प्रदूषण- बाइक के 500 और कार के 1500, अन्य वाहनों की जुर्माना राशि अलग-अलग है
बिना रजिस्ट्रेशन व फिटनेस के दुपहिया वाहन- 2 हजार रुपये, इसी हालत में दुबारा पाये जाने- 5 हज़ार रुपये
बिना रजिस्ट्रेशन व फिटनेस के यात्री वाहन- 5 हज़ार रुपये, दुबारा पाये जाने पर- 10 हज़ार रुपये
एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड को रास्ता नहीं देने पर- 10 हज़ार रुपए