जयपुर. राजधानी जयपुर (Jaipur) का सहकार मार्ग पिछले 24 घंटे से प्राइवेट बसों का पार्किंग स्थल बना हुआ है. कल सुबह 10 बजे से परिवहन भवन के बाहर बसों को खड़ा होना शुरू हुआ था. इसके बाद परिवहन भवन के दोनों ओर कई किलोमीटर तक बसों (Buses) की लंबी लाइन लगी हुई है. अब इतनी बड़ी तादात में खड़ी बसों को देखकर सहकार मार्ग (Sahkar Marg) से गुजरने वाले वाहन चालकों और राहगीरों के मन मे कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. कोई कह रहा है, शायद किसी राजनीतिक पार्टी की बड़ी रैली आयोजित हो रही है, जिसके चलते इन बसों से लोगों को यहां लाया गया है या फिर किसी बड़े आदमी की बारात आई है।

अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर यह माजरा क्या है? चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर इतनी बड़ी तादाद में ये बसें यहां क्यों लाई गई है? दरअसल सोमवार को सुबह 10 बजे निजी बस ऑपरेटर्स ने इन बसों को यहां पार्क किया था. उन्होंने अपनी मांगों को लेकर विरोध स्वरूप बसों को परिवहन भवन के बाहर पार्क करके चाबी परिवहन आयुक्त रवि जैन को सौंप दी थी. ऑपरेटर्स ने साफ कर दिया था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती है, तब तक वें बसों को यहां से नहीं हटाएंगे.

छह माह का टैक्स माफ करने की है मुख्य मांग
निजी बस ऑपरेटर्स पिछले 16 दिनों से ऑल राजस्थान कॉन्ट्रेक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन, ऑल राजस्थान बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन और टूरिस्ट बस एसोसिएशन के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर प्रदेश में चक्काजाम हड़ताल कर रहे हैं. उनकी मुख्य मांग है कि उनका छह माह का टैक्स माफ किया जाए. क्योंकि लॉकडाउन के चलते पिछले ढ़ाई माह से बसों का संचालन नहीं हो सका. वहीं, अभी भी धार्मिक स्थल, कोचिंग इंसिट्यूट, स्कूल और कॉलेज बंद होने के साथ ही प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू लगा हुआ है. वहीं, कोविड के चलते लोग बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकल रहे हैं. ऐसे में आगे भी यात्रीभार कम ही मिलने वाला है. ऐसे में ऑपरेटर्स टैक्स जमा कराने की स्थिति में नहीं हैं. ऑपरेटर्स का कहना है कि गुजरात सहित कई राज्य टैक्स माफ करने का नोटिफिकेशन जारी कर चुके हैं।

तीन माह का टैक्स हो सकता है माफ
इस मांग को लेकर बस ऑपरेटर्स की परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के स्तर पर भी वार्ता हो चुकी है. लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है. वहीं, पूरे मामले में परिवहन आयुक्त रवि जैन का कहना है कि विभाग ने अप्रेल, मई और जून का टैक्स माफ करने की फाइल अनुमोदन के लिए सरकार को भेज दी है. जल्द ही इस पर सकारात्मक फैसला हो सकता है. लेकिन ऑपरेटर्स छह माह का टैक्स माफ करने पर अड़े हुए है.