

_बाबा के जयघोषों से गूंज उठी रूणिचा नगरी
_गुरुवार से पहुंचने लगे है पैदल यात्रियों के जत्थे
_प्रशासन के इन्तजामों से संतुष्ट नजर आ रहे है श्रृद्धालु
_बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने किए समाधि के दर्शन
_बीकानेर और जोघपुर से भारी संख्या में पहुंच रहे हैं श्रद्धालु


रामदेवरा, /पश्चिमी राजस्थान के सुप्रसिद्व बाबा रामदेव मेले में गुरुवार, भादवा शुक्ला पंचमी को प्रदेश के साथ ही अन्य पडोसी प्रान्तों से कोने-कोने से पहुंचे बाबा के भक्तों का रूणिचा नगरी में ज्वार उमड पडा एवं सम्पूर्ण रामदेवरा नगरी आस्था के समन्दर में हिलोरें मारने लगी। 638 वें रामदेवरा मेले में रामसा पीर बाबा की पंचमी को मंगला आरती के साथ ही बाबा के भक्तजन अपने इस देव की समाधि के दर्षन के लिए उमड पडे एवं अपने आस्था के साथ समाधि के दर्शन किए व पूजा अर्चना कर मनोयोग से प्रसाद चढाया। बाबा के भक्तों ने बाबा के जयकारों से पूरी रामदेवरा नगरी को गूंजायमान कर दिया। मेले में जहां पडोसी जिलों बीकानेर, जोधपुर एवं अन्य प्रांतों से आई स्वयंसेवी संस्थाओं बढ़-चढ़ कर मेलार्थियों की सेवाएं प्रदान करने में तनमन से जुटी हुई हैं। इस मेले के दौरान देश के कोने कोने से रामदेवरा पहुंचे पुरूष व महिला भक्तजनों ने अपने बच्चों के साथ भीड की परवाह किए बिना ही भक्ति भावना के साथ समाधि के दर्षन करने से पीछे नहीं रहें। बाबा की पंचमी पर लगभग एक से दो किलोमीटर तक लम्बी-लम्बी लाईने बाबा के भक्तों की लगी हुई थी एवं वे पूरी आस्था के साथ अपनी-अपनी बारी से कतार में खडें होकर बाबा की समाधि के दर्षन कर पुण्य का लाभ लें रहें थें। मेलाधिकारी राजेश विष्नोई के निर्देषन में मेला प्रशासन द्वारा बाबा रामदेव मंदिर समिति के सहयोग से कतारबद्व खडे मेलार्थियों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था की गई वहीं उन्हें सुगमतापूर्वक दर्शन करवाए जा रहें थें। मेले में आए भक्तों से रूणिचा नगरी में आस्था का माहौल चारों और दिखाई दे रहा थां वहीं बाबा के भक्त रामसरोवर तालाब में डुबकी लगाकर अपनी इस यात्रा को पूरी मान रहें थें। उन्होंने बताया कि अनेकों श्रद्वालुओं ने बाबा की समाधि के दर्षन कर अपने इस देव की पूजा अर्चना की वहीं बाबा की अनन्य भक्त डाली बाई के भी दर्षन किए इसके साथ ही कई भक्तजन बाबा के रीखियों से जुम्मा करवाकर उनके भजनों का लुफ्त ले रहें थें। इसके साथ ही मेले के दौरान श्रृद्वालुगण बाबा रामदेव जी द्वारा पूर्व में बनवाई गयी प्राचीन परचा बावड़ी का भ्रमण कर वहां पर पवित्र जल का आचमन कर पुण्यलाभ कमा रहे हैं। मेले में की गई प्रशासनिक एवं पुलिस प्रबंध के पुख्ता प्रबंध होने कारण बाबा के भक्तजन अपनी बारी के अनुरूप अपने इष्ट देव की समाधि के दर्शन कर प्रसाद चढाया वहीं चमत्कारी कंगन में गुजरकर अपनी मन्नत को पूरी की। इसके साथ ही प्रचा बावडी व बाबा का झूला पालना, गुरूद्वारा के भी दर्शन कर अपने आप को धन्य महसूस किया। साथ ही मेलार्थी परिवार बच्चों के साथ अपनी मनपंसन्द का सामान खरीदने के बाद पूरे मेले का भ्रमण कर मेले में लगाये सर्कस को देख कर उसका आनन्द उठा रहे हैं। मेलाधिकारियो द्वारा समय -समय पर मेला परिसर का भ्रमण किया जाकर मेलार्थियों के लिए की गई छाया पानी एवं दर्शन व्यवस्था का नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा था वहीं मेलार्थियों को लाईन में मीठे पानी की मनुहार की जाकर उनको पानी पिलाया जा रहा था। पूरी रूणिचा नगरी धर्ममयी नजर आ रही थी एवं जहां भी नजर डाली वहां बाबा के भक्तजन ही दिखाई दे रहे थे। मेले में विद्युत की उचित व्यवस्था होने से मेलार्थियों को पर्याप्त रोशनी व्यवस्था उपलब्ध कराई गई हैं।