– ऑनलाईन व ऑफलाईन दोनो माध्यमों से

– “झुंझुनूं न्यायक्षेत्र में राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु कुल 15 बैंचों का गठन ”

झुंजुनू,(दिनेश”अधिकारी”)।राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर (रालसा)के निर्देशानुसार झुंझुनूं न्यायक्षेत्र में 11 सितम्बर को वर्ष-2021 की” तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत ” का आयोजन किया जावेगा। इस राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाईन व ऑफलाईन दोनो माध्यमों सेकिया जावेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झुंझुनूं की सचिव न्यायधीश श्रीमती दीक्षा सूद ने बताया कि झुंझुनूं न्यायक्षेत्र में राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु कुल 15 बैंचों का गठन किया गया है। लोक अदालत को सफल बनाने हेतु न्यायालयों से अधिक से अधिक प्रकरण रैफर करने व निस्तारण करने हेतु आह्वान किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन में एन.आई. एक्ट के प्रकरण, बैंक द्वारा धन वसूली प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी व अन्य भुगतान से संबंधित उपभोक्ता प्रकरण, भरण-पोषण से संबंधित परिवाररिक प्रकरण इसके अतिरिक्त विभिन्न न्यायालयों में लंबित दाण्डिक शमनीय प्रकरण, एन.आई. एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एम.ए.सी.टी. के चैक डिस ऑनर प्रकरण, वैवाहिक विवाद (तलाक के मामलों को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, तथा अन्य सिविल प्रकरण जो राजीनामे से निस्तारण हेतु पेश किया जा सकेगा। चिन्हित प्रकरणों में लोक अदालत से पूर्व ऑनलाईन प्री-काउंसलिंग भी करवाई जाएगी। न्यायधीश श्रीमती सूद ने बताया कि बैंक व वित्तीय संस्थाएं ऐसे प्रकरणों प्री-लिटिगेशन स्तर पर दर्ज करावाना चाहते हैं, तो उनकी सूची समय रहते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या तालुका स्तर पर विधिक सेवा समितियों में प्रस्तुत कर सकेंगे, जिससे नोटिस जारी कर अविलम्ब निस्तारण के लिए प्रभावी कार्रवाई हो सके। अगर लोक अदालत में प्रकरण निस्तारित हो जाता है तो प्रकरण का अंतिम रूप से निस्तारण हो जायेगा तथा न्यायालय में जमा करवायी गयी फीस भी वापिस मिलेगी। इस अवसर पर न्यायधीश सचिव श्रीमती सूद द्वारा बीमा कम्पनियांे व बैंकों को भी निर्देश प्रदान किए गए ताकि अधिक से अधिक लंबित प्रकरणों को लोक अदालत में रखा जाकर समझाईश की भावना से उनका निस्तारण कर लोक अदालत को सफल बनाया जा सके। श्रीमती सूद ने बताया कि इस लोक अदालत में ऑनलाईन व ऑफलाईन लगभग 4000 प्रकरण रैफर किए गए है। सभी आमजन से अपील की जाती है कि जिनके भी प्रकरण उक्त विषयों से संबंधित लंबित है तो वे लोक अदालत की भावना से अपने प्रकरण को समझाईश के माध्यम से निस्तारित करवा सकते है ताकि न्यायालयों में चलने वाली कार्यवाहियों से बचा जा सके और अदालतों की प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत की मूल भावना का प्रचार- प्रसार अधिकाधिक हो। जिससे आमजन को सस्ता,सुलभ,निशुल्क और त्वरित न्याय उपलब्ध होकर संविधान की मूल भावना को देशहित में साकार कर सके।