

ऐप से बैंक और पक्षकारों के मिलेंगे अब ऑनलाईन नोटिस
झुंझनू,(दिनेश शर्मा “अधिकारी “) । रालसा की ओर से तैयार ऑनलाईन जुपीटाईस एप से बैंक तथा न्यायालय द्वारा पक्षकारों के नोटिसों की ऑनलाईन दर्ज प्रक्रिया की जा रही है ये सम्पूर्ण पॉर्टल केवल राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए तैयार किया है जिससे कागज व समय दोनो की बचत होगी। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार झुंझुनूं न्यायक्षेत्र में 13 अगस्त को आयोजित होने वाली “ राष्ट्रीय लोक अदालत “ में कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाईन व ऑफलाईन दोनो माध्यमों से किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झुंझुनूं सचिव न्यायाधीश श्रीमती दीक्षा सूद ने राष्ट्रीय लोक अदालत की विशेष तैयारियों को की जानकारी देते हुए बताया कि समय-समय पर न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण, मीड़ियागण आदि के साथ मीटिंग की जा रही है जिससे अधिक से अधिक प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में रखकर निस्तारित करवायें जा सके। झुंझुनूं न्यायक्षेत्र में राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु न्यायिक अधिकारियों की गठित बैंचों मे प्रकरणों को सुनकर ही फेसले करेंगी। लोक अदालत को सफल बनाने के लिए न्यायालयों से अधिक से अधिक प्रकरण रैफर करने व निस्तारण करने हेतु आह्वान किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन में एन.आई. एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, श्रम विवाद एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी व अन्य भुगतान से संबंधित प्रकरण, भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण इसके अतिरिक्त न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में दाण्डिक शमनीय प्रकरण, एन.आई. एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण, वैवाहिक विवाद(तलाक के मामलों को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, तथा अन्य सिविल प्रकरणों को राजीनामे से निस्तारण हेतु पेश किया जा सकेगा। इस क्रम में झुंझनू जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 1 से 6 अगस्त 22 तक विशेष प्री-काउंसलिंग अभियान तथा विशेष डोर स्टेप काउंसलिंग अभियान चलाया जा रहा है जिसमें पंचायत समिति स्तर व विधिक सेवा प्राधिरकण स्तर पर डोर स्टेप काउंसलिंग(न्याय आपके द्वार की अवधारणा पर) पैनल अधिवक्तागण द्वारा करवायी जा रही है। बैंक व वित्तीय संस्थाएं ऐसे प्रकरणों प्री-लिटिगेशन स्तर पर दर्ज करावाना चाहते हैं, तो उनकी सूची समय रहते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या तालुका स्तर पर विधिक सेवा समितियों में प्रस्तुत कर सकेंगे, जिससे नोटिस जारी कर अविलम्ब निस्तारण के लिए प्रभावी कार्रवाई हो सके। अगर लोक अदालत में प्रकरण निस्तारित हो जाता है तो प्रकरण का अंतिम रूप से निस्तारण हो जायेगा तथा न्यायालय में जमा करवायी गयी फीस भी वापिस मिलेगी। श्रीमती सूद ने सभी से अपील कर कहा कि जिनके भी प्रकरण उक्त विषयों से संबंधित लंबित है तो वे लोक अदालत की भावना से उक्त प्रकरण में समझाईश के माध्यम से निस्तारित करवा सकते है ताकि न्यायालयों में चलने वाली लम्बी कार्यवाहियों से बचा जा सके।