-कार्ड पर दो से चार किलो कम दिया जाता है अनाज

-दर्जनों उपभोक्ताओं ने जिला खाद आपूर्ति पदाधिकारी से की शिकायत।

-कूपन नहीं, तो राशन नहीं

बिहार(सुपौल)-(ओम एक्सप्रेस ब्यूरों)-जिले के त्रिवेणीगंज में प्रखंड जनवितरण प्रणाली लूट -खसोट का अड्डा बन चुका है।गरीबों के अनाज को सीधे कालाबाजारियों के हाथों सौंपे जाने के कारण गरीबों के पेट में सेंधमारी हो रही है।इन प्रखंडों के कई पंचायत में राशन वितरण में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है।गरीब उपभोक्ता राशन -केरोसिन के लिए परेशान है। प्रखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है।इस प्रकार डीलरों की मनमानी जारी है और उपभोक्ता हित हाशिये पर बल्कि इस लॉक डाउन की अवधि में गरीब उपभोक्ताओं में अनाज के लिए हाहाकार मचा हुआ है। प्रखंड के कुशहा( मचहा ) पंचायत वार्ड 11 के जनवितरण प्रणाली बिक्रेता के रवैये से उपभोक्ता परेशान है। ग्रामीणों की शिकायत है कि राशन-केरोसिन के लिए पीडीएस दुकानों के कई बार चक्कर लगाने के बाद भी काफी मुश्किल से मिल पाता है। ग्रामीणों की शिकायत यह भी है कि राशन की मांग करने पर दुकानदार द्वारा कम अनाज के साथ धमकी दी जाती है।

कम दिया जाता है अनाज-

कुशहा (मचहा ) पंचायत वार्ड 11 के पुष्पेश कुमार,सूरज कुमार,कुलानन्द सरदार,बेचन सरदार,अनिला देवी,अरविंद सरदार,संजय सरदार,सैनी साह,बासदेव सरदार,बीरेंद्र साह सहित दर्जनों उपभोक्ताओं ने इस मामले कि लिखित शिकायत जिला खाद आपूर्ति पदाधिकारी से है कि है कहा है अनाज के पूरी कीमत ले लेने के बावजूद एक कार्ड पर दो से चार किलो कम अनाज दिया जाता है। वार्ड 11 के कई उपभोक्ताओं ने नाम नही छापने के की बात कह बताया कि पीडीएस दुकानदार ड्राफ्ट नहीं लगाने के कारण अनाज नहीं उठाने के नाम पर भी अनाज का गबन कर लेता है।जबकि अनाज का उठाव कर दुकान लाने के बजाय वहीं कालाबाजारियों के हवाले कर दिया जाता है।यही कारण है कि उपभोक्ताओं को एक माह बाद एक माह का अनाज मिलता है।ग्रामीणों के अनुसार कई बार इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से भी की।किंतु परिणाम सिफर रहा।

कहते है प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी-

प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी हारुण रसीद ने कहा कि आवदेन के आलोक में जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।