मंच के प्रान्त संयोजक जेठानन्द व्यास ने कलेक्टर को अवगत करवाया कि पूर्व में कई बार मंच की ओर से इस बारे में प्रशासन को अवगत कराया गया था कि कई लॉकडाउन और कफ्र्यू क्षेत्र में कई जरूरतमंद हिन्दू परिवारों को भोजन सामग्री प्राप्त नहीं हो रही है।
जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध करवाए गए कंट्रोल नंबर पर कॉल करने पर कोई जवाब नहीं मिल रहा है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी प्रकार हमारे संज्ञान में आया है कि बीकानेर शहर का मुख्य स्थान सोनगिरी कुंआ क्षेत्र जो कि वार्ड 73 में आता है। इस क्षेत्र में एक ही परिवार के 14 लोगों को अलग-अलग मकान में रहना बताया गया है और सभी को अलग-अलग राशन सामग्री दी जा रही है। इस वार्ड में चूनगरों के मकानों को कच्चे मकानों के रूप में चिन्हित किया गया है। इस क्षेत्र में रहने वाले जरूरतमंदों की जो सूची बीएलओ ने तैयार की थी, उसे दरकिनार कर जनप्रतिनिधियों ने अपने हिसाब से तैयार की जिसमें उसके चहेतों को शामिल किया गया है। यहां यह विशेष बात है कि ज्यादातर लोग सक्षम हैं एवं उनके उनमें से कई लोगों के परिवार सदस्य सरकारी कर्मचारी हैं, उन्हें राशन सामग्री वितरित की जा रही है जबकि वार्ड के जरूरतमंद लोगों को राशन सामग्री नहीं दी जा रही है। मंच की ओर से कलेक्टर को अवगत कराया गया है कि राशन सामग्री वितरण सूची में क्षेत्र के जरूरतमंदों का नाम अंकित नहीं किया गया, क्षेत्र के लोगों द्वारा अपने हस्ताक्षर करके हमको सूचित किया गया है। ठीक ऐसी ही धांधली वार्ड नंबर 61 में की जा रही है।
प्रशासन की इस प्रकार की भेदभाव नीति से क्षेत्र विशेष के लोगों में रोष हो गया है। मंच को बार-बार सूचना प्राप्त हो रही है कि कफ्र्यू क्षेत्र में धर्म विशेष के लोगों द्वारा अपना वाहन भेजकर सामग्री धर्म विशेष के लोगों को दी जा रही है तथा प्रशासन द्वारा जरूरतमंद लोगों की अनदेखी की जा रही है। इस प्रकार जो भेदभाव किया जा रहा है अशोभनीय है और समाज में कटुता को बढ़ावा देने वाला है। हिंदू जागरण मंच इस प्रकार के कृत्य का घोर विरोध करता है। मंच ने कलेक्टर से मांग की है कि उपरोक्त तथ्यों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश देेवें। मंच की ओर से यह ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्य सचिव सहित प्रदेश के अन्य आला अधिकारियों को भी भेजा गया है।