– गंगा आरती देख हुए आह्लादित

वाराणसी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय वाराणसी दौरे पर है। शनिवार की शाम शहर में आये देश के प्रथम नागरिक ने दौरे की शुरूआत परिवार के साथ काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन पूजन से और विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती देख कर की।

बाबतपुर एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से सीधे बरेका के गेस्ट हाउस पहुंचे राष्ट्रपति ने थोड़ी देर विश्राम किया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच वाहनों के काफिले में वह बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंचे। दरबार में सपरिवार राष्ट्रपति ने बाबा के स्वर्ण शिखर को नमन कर गर्भ गृह में प्रवेश किया। मन्दिर के पुजारियों अर्चक टेक नारायण, श्रीकांत मिश्र, सत्यनारायण चौबे, संजय पांडेय के देखरेख में सस्वर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देश के प्रथम नागरिक और उनकी धर्मपत्नी ने पावन ज्योर्तिलिंग का षोडशोपचार विधि से दुग्धाभिषेक कर विधिवत पूजन अर्चन की।

राष्ट्रपति ने पूरे श्रद्धाभाव से बाबा के प्रति अपनी गहरी आस्था दिखाते हुए देश में खुशहाली की कामना की। मंदिर में दर्शन पूजन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति को काशी विश्वनाथ कारिडोर का नक्शा दिखाया । मुख्यमंत्री ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वप्निल परियोजना (ड्रीम प्रोजेक्ट) विश्वनाथ कॉरिडोर में चले रहे निर्माण कार्यो की जानकारी राष्ट्रपति को दी।

देश के प्रथम नागरिक उत्साह के साथ मंदिर परिसर में चल रहे कार्यो की जानकारी लेते रहे। मंदिर से चलते समय राष्ट्रपति को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास और श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद की ओर से स्मृति चिह्न, अंगवस्त्रम और प्रसाद भेंट किया गया। मंदिर में दर्शन पूजन के बाद राष्ट्रपति कड़ी सुरक्षा के बीच दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल हुए।

पहली बार धर्मपत्नी सविता कोविन्द और बेटी के साथ गंगा आरती में शामिल हुए राष्ट्रपति मां गंगा की विशेष महाआरती, लयबद्ध गायन के बीच पंरपरागत वेशभूषा में नौ अर्चकों को मां गंगा की आरती करते देख आह्लादित नजर आये। विशेष आरती के साथ घाट पर शिवतांडव स्त्रोत का विहंगम दृश्य, घाट पर अध्यात्म की नैर्सगिक सुंदरता देख राष्ट्रपति बेहद खुश दिखे। फूलों के वन्दनवार से दुल्हन की तरह सजे घाट की मढ़ियों पर रखी कुर्सियों पर बैठ कर राष्ट्रपति मां गंगा को चवंर डुलाती रिद्धि-सिद्धि के रूप में 18 कन्याओं को कभी देखते तो कभी पर घाट पर अध्यात्मिक छंटा के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारते। शंख और डमरूओं की ध्वनि के बीच मां गंगा के भजनों को सुन हाथ जोड़ भक्तिभाव से अध्यात्म में लीन भी दिखे। राष्ट्रपति की धर्मपत्नी भी भाव विह्वल गंगा गीतों पर ताल देती दिखी।

इसके पहले घाट पर जैसे ही राष्ट्रपति पहुंचे वहां पहले से मौजूद श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के परम्परागत गगनभेदी उद्घोष से स्वागत किया। राष्ट्रपति और उनके परिवार ने भी लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। लोगों का अपने प्रति प्यार देख राष्ट्रपति भी अभिभूत दिखे।

फूलों की सजावट, रेड कारपेट और रात के अंधेरे में भी सुबह जैसी रोशनी से दमकते घाट पर इस दौरान सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया था। राष्ट्रपति के साथ प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गंगा आरती देखी। गंगा आरती के बाद राष्ट्रपति सपरिवार गंगा सेवा निधि के कार्यालय में पहुंचे और निधि के आर्ट गैलरी का अवलोकन कर इसकी सराहना की। इस दौरान निधि के अध्‍यक्ष सुशांत मिश्र ने राष्‍ट्रपति और उनके परिवार को अंगवस्‍त्रम और प्रसाद भी भेंट किया।

बाबतपुर एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत-
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को वाराणसी पहुंचे। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतर राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति सेना के विशेष विमान से जैसे ही विमानतल पर उतरे वहां पहले से मौजूद प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़कर अगवानी की और अंगवस्त्रम पहना कर स्वागत किया। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए राज्यपाल आंनदीबेन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही एयरपोर्ट पर पहुंच गये थे।

एयरपोर्ट के विमानतल पर ही प्रदेश के पर्यटन मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, मंत्री रविंद्र जायसवाल, सांसद बीपी सरोज, विधायक सौरभ श्रीवास्तव सहित वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर दीपक अग्रवाल, आईजी विजय सिंह मीणा ने भी राष्ट्रपति का स्वागत किया।

काशी विश्वनाथ मंदिर में राष्ट्रपति के सपरिवार दर्शन-पूजन करने और गंगा आरती में शामिल होने के दौरान दशाश्वमेधघाट पर उनकी सुरक्षा में एनडीआरएफ की एक टीम तैनात रही। टीम मोटर बोट, वाटर एम्बुलेंस, गोताखोर, मेडिकल टीम, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य बचाव उपकरणों के साथ तैनात रही। उप सेनानायक नरेन्द्र ने टीम का नेतृत्व किया।