_वर्षा जल संचित करो, समझो अब नादान-कवि कृष्ण कुमार सैनी

_वर्षा जल संरक्षण विषय को लेकर हुई काव्य संगोष्ठी

_वर्षा जल संरक्षण पर साहित्यकारों ने सुनाई एक से बढ़कर एक रचनाएँ, लूटी वाहवाही

दौसा। राष्ट्रीय कवि चौपाल,दौसा के तत्वावधान में 44 वीं काव्य संगोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद गोपाल टेलर के मुख्य आतिथ्य एवं पुष्पेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में बजरंग मैदान स्थित सभागार में किया गया। काव्य संगोष्ठी का विषय “वर्षा जल संरक्षण एवं पानी बचाव” से संबंधित था। अतिथियों के द्वारा माँ शारदे के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में सभी साहित्यकारों को संस्था की ओर से “तिरंगा रत्न सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह एवं कवि कृष्ण कुमार सैनी की राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित हुई पुस्तक “नमन शहीदों को” की प्रति भी भेंट की गई।

सरस्वती वंदना के साथ ही शिवचरण भंडाना ने – “अभी बचाओ पाणी, नहीं तो नरक होयगी जिंदगाणी” कविता सुनाकर पानी की उपयोगिता को प्रदर्शित किया।

बिलौना कलां के विजय राही ने “कितनी शुष्क हो गई है हमारे भीतर की नदी” कविता सुनाई।

डॉ. निर्मला शर्मा ने “अजी जल न मिलर बचाओ जी, पानी रो मोल बताओ जी” कविता सुनाकर वर्षा जल संरक्षण और राजस्थानी भाषा का सुन्दर प्रयोग किया।

कवि कृष्ण कुमार सैनी ने – “बूंद बूंद जीवन बचा, जीवन बचे जहान। वर्षा जल संचित करो, समझो अब नादान।” जैसे दोहे सुनाकर वर्षा जल संरक्षण की मांग की।

अध्यता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार व शिक्षाविद् पुष्पेद्र शर्मा ने- “टंट्या टूटी पर खड़ा, भरे कलश में नीर” कविता सुनाकर सभी का मन मोह लिया।

मुख्यातिथि वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल लाल टेलर ने – “वर्षा जल संरक्षण के साथ ही हास्य क्षणिकाएँ सुनाकर सभी को खूब गुदगुदाया।
राष्ट्रीय चौपाल के संरक्षक रवीन्द्र चतुर्वेदी ने- “लोग दुखी है बस्ती में जाकर उन्हें हँसाया कर” कविता सुनाकर संसार की विडंबनाओं पर प्रहार किया।

बाँदीकुई के डिनो सैनी ने वर्षा जल संरक्षण पर बेहतरीन प्रस्तुति दी।

वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश प्रसाद मिश्रा ने – “मुझे बता दे मेरा खोया पौरुष और स्वाभिमान कहाँ है”…..कविता सुना कर सभी के सोये स्वाभिमान को जागृत कर दिया।

विष्णु पाँचाल ने- वर्षा जल संरक्षण पर बेहतरीन दोहे प्रस्तुत किए।

वरिष्ठ शिक्षाविद् व साहित्यकार केदार प्रसाद शर्मा ने- “बूंद-बूंद पानी बचाओ” कविता सुनाई।
रामबाबू शर्मा “राजस्थानी” ने काव्य संगोष्ठी का संचालन करते हुए “घर-घर में पुनर्भरण बनाकर वर्षा जल संरक्षण करना” कविता भी प्रस्तुत की।
काव्य संगोष्ठी के दौरान सुरेश प्रजापति, रामजीलाल सैनी, वेदप्रकाश प्रजापति, निशा सैनी आदि श्रोता उपस्थित रहे।
दौसा शाखा के संस्थापक अध्यक्ष कवि कृष्ण कुमार सैनी ने पधारे हुए सभी साहित्यकार एवं श्रोताओं का आभार प्रकट किया।