पक्षकार स्वयं आगे बढकर अपने मामलों को लोक अदालत में लगाने के लिए आगे आ रहे है
जयपुर,(दिनेश शर्मा अधिकारी”)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देषानुसार राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष, 2022 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 मार्च, 2022 (द्वितीय शनिवार) को किया जा रहा है, जिसमें राजीनामा योग्य प्रत्येक प्रकृति के दीवानी, फौजदारी तथा राजस्व आदि सभी प्रकरणों को सम्मिलित किया जारहा है। यह लोक अदालत माननीय उच्च न्यायालय के अधीन समस्त अधीनस्थ न्यायालयों , राजस्व न्यायालयों, अधिकरणों एवं उपभोक्ता मंच में भी आयोजित की जा रही है। प्राधिकरण सदस्य सचिव न्यायधीश दिनेश गुप्ता ने बताया कि लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा माननीय कार्यकारी अध्यक्ष महोदय, रालसा, न्यायाधिपति मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सभी न्यायालयों एवं अधिकरणों के पीठासीन अधिकारीगण के साथ पिछले 04 दिनों से लगातार वर्चुअल बैठक का आयोजन कर मुकदमों के रैफरेंस, प्री-काउंसलिंग को प्रभावी बनाने एवं राजीनामें के माध्यम से मुकदमों के निस्तारण हेतु पक्षकारों को प्रेरित करने की कार्ययोजना पर विशेष विचार-विमर्ष किया जा रहा है। इसी क्रम में 21फरवरी को मुख्य सचिव/महाधिवक्ता/प्रमुख शासन सचिव (विधि) के साथ, 22 को मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठाासीन अधिकारियों, 23 को पारिवारिक न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों, 24. को राजस्थान वक्फ अधिकरण, राजस्थान राज्य को-आॅपरेटिव अधिकरण, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षणिक अधिकरण, राजस्थान राज्य ट्रान्सपोर्ट अपीलीय अधिकरण, जेडीए अपीलीय अधिकरण, भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनव्र्यवस्थापन प्राधिकरण राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण , ऋण वसूली अधिकरण ; के पीठासीन अधिकारियों एवं सभी वाणिज्यिक न्यायालयों के साथ वर्चुअल बैठक की गई। बैठक में यह सामने आया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति आमजन एवं पक्षकारों के मध्य काफी विशेष उत्साह है। पक्षकार स्वयं आगे बढकर अपने मामलों को लोक अदालत में लगाने के लिए आ रहे हैं। साथ ही विद्वान अधिवक्तागण का भी काफी सहयोग मिल रहा है। विद्वान अधिवक्तागण अपने स्तर पर पक्षकारों को अपने मामले राजीनामे के माध्यम से सुलझाने वाले इस सुलभ माध्यम को अपनाने हेतु प्रेरित कर रहे हैं। चैक अनादरण एवं ऋण वसूली के मामलों में सभी बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के साथ बैठक कर खातों की ऋण वसूली, राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंको की सक्रिय भागीदारी सुनिष्चित करने, अधिक से अधिक प्रकरण रैफर करने एवं प्रभावी प्री-काउंसलिंग हेतु हर-संभव प्रयास किए जा रहे है, एवं प्रत्येक बैंक द्वारा अपने स्तर पर जारीषुदा आदेश को आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत तक बढाये जाने अथवा नवीन योजना जारी किए जाने के संबंध में सहमति बनाकर यह तय किया कि समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उनके साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें आवष्यक सहयोग प्रदान करेंगे।