जयपुर,(दिनेश शर्मा “अधिकारी “)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार सम्पूर्ण राजस्थान में वर्ष 2023 की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दिनांक 13.05.2023 को किया जा रहा है। माननीय कार्यकारी अध्यक्ष महोदय, रालसा के निर्देशन में प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत ऑफलाईन के साथ-साथ ऑनलाईन भी आयोजित की जावेगी। फरवरी माह में आयोजित होने वाली लोक अदालत में झुंझुनूं जिले लंबित, प्री-लिटिगेशन, रेवेन्यू के कुल 20936 (बीस हजार नौ सो छत्तीस) प्रकरण चिन्हित किए गए है तथा चिन्हित प्रकरणों पर कार्यवाही करने, समझौता वार्ता कर निस्तारित करने हेतु जिले में तालुकाओं सहित कुल 12 बैंचों का गठन किया गया। जिसमें तालुकाओं में कुल 07 बैंच व मुख्यालय स्तर पर 05 बैंचों का गठन किया गया है। बैंच गठन में एक न्यायिक अधिकारी, एक प्रशासनिक अधिकारी तथा एक अधिवक्ता को नियुक्त किया गया है। विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्रीमती दीक्षा सूद ने बताया कि झुंझुनूं जिले में प्रत्येक लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के चिन्हीकरण पर जोर दिया जाकर प्री-काउंसलिंग के माध्यम से उनके निस्तारण के प्रयास किए जाते रहे है। इस लोक अदालत में भी अधिक से अधिक निस्तारण की भावना से यही प्रयास है कि अधिक से अधिक चिन्हित प्रकरणों का निस्तारण हो। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन में किसी नागरिक एवं सरकार या उसके किसी विभाग/उपक्रम के मध्य सभी प्रकार के विवाद(राजस्थान लिटिगेशन पॉलिसी, 2018 के तहत निराकरण के प्रयास), मोटर दुर्घटना दावों से संबंधित क्लेम के विवाद, घातक दुर्घटना अधिनियम से संबंधित क्लेम के विवाद, धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम के विवाद, धन वसूली के सभी प्रकार के विवाद Agriculture Debt relief act Scuritization and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of security Interest Act(SARFAESI Act, 2022 के तहत वसूली के हर प्रकार के मामलों सहित), गृहकर/नगरीय विकास कर के विवाद(जो स्थानीय निकायों द्वारा वसूल किया जाता है), शहरी जमाबंदी के(जो डवलपमेंट अथॉरिटीज/यूआईटी द्वारा वसूल की जाती है), फसल बीमा पॉलिसी से संबंधित विवाद, व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं ग्राहकों के मध्य विवाद, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं यथाः निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना, प्रसूति सहायता योजना, हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता, योजना, सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना, शुभ शक्ति योजना, निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना, निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना, निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना, निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा भारतीय/राजस्थान प्रशासनिक सेवा हेतु आयोजित प्रारम्भिक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन योजना, निर्माण श्रमिकों के पुत्र/पुत्री का आई.आई.टी./आई.आई.एम. में प्रवेश मिलने पर ट्यूशन फीस की पुनर्भरण योजना, निर्माण श्रमिकों को विदेश में रोजगार हेतु वीजा पर होने वाले व्यय की पुनर्भरण योजना एवं निर्माण श्रमिक अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं हेतु प्रोत्साहन योजना, आदि से संबंधित लम्बित प्रार्थना-पत्र, बिजली, पानी, मोबाईल, क्रेडिट कार्ड एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित विवाद, भरण-पोषण/बालकों की अभिरक्षा से संबंधित सभी प्रकार के विरूद्ध, सभी प्रकार के राजस्व विवाद(सीमाज्ञान(पैमाईश)/पत्थरगढ़ी/जमाबन्दी-रिकॉर्ड शुद्धि/ नामान्तरण/रास्के का अधिकार, सुखाचार एवं डिवीज ऑफ होल्डिंग सहित), अन्य सभी प्रकार के सिविल विवाद, सर्विस मैटर्स के विवाद(पदोन्नति एवं वरिष्ठता संबंधी विवादों को छोड़कर), उपभोक्ता विवाद, जनउपयोगी सेवाओं से संबंधित विवाद, अन्य राजीनामा योग्य विवाद(जो अन्य अधिकरणों/आयोगों/मंचों/अथॉरिटी/आयुक्त/ प्राधिकारियों के क्षेत्राधिकार से संबंधित है) आदि प्रकरण चिन्हित किए जा सकते है।