

आज का दौर बहुत खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है भ्रष्टाचारियों का बोलबाला बढ़ गया है कौन-कौन कहां-कहां किस-किस की शिकायत करें कहां करे और कोई शिकायत पर ध्यान दें या न दें कोई गारंटी नहीं। बाकी जगह का तो पता नहीं पर इंदौर (म.प्र.) में जरूर कर्मचारी अधिकारियों का बोलबाला है वही आज के जमाने के माई बाप है उनका मूड ठीक है तो आपका काम बिना रिश्वत के हो जाएगा और उनका मूड ठीक नहीं रहा तो आपके काम में कई बाधा आएगी। कुछ अधिकारी तो ठीक है पर भ्रष्ट कर्मचारी आपको इतने चक्कर देगे कि आप मजबूर होकर पूछ ही लोगे कि जो लेना है ले लो पर काम कर दो। कर्मचारी जानता है बड़े अधिकारी से मिलना आसान नहीं है घूम फिर कर मेरे पास ही आएगे। जैसे तैसे आप बड़े अधिकारी से मिल भी ले तो कोई गारंटी नहीं कि आपकी बात सुनकर आपका काम हो जाय, वे कर्मचारी को बुलाएंगे पूछेंगे और कर्मचारी नया राग अलाप देगा। हां जिनकी पहुच कलेक्टर तक होगी उनका काम हो सकता है क्योंकि कलेक्टर भ्रष्ट कर्मचारियों पर सख्ती बरतते हैं, पर कलेक्टर साहब तक पहुचना अपने आप में पहाड़ चढ़ने बराबर है। जिला स्तरीय शिकायत केंद्र बनना चाहिए जहां किसी कर्मचारी के खिलाफ लगातार शिकायत है तो उसकी CR मैं लिखा जाय। जनता, पत्रकार और वकील ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ खुलकर बोलना चाहीये।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)