नई दिल्ली ।14वीं सदी की कश्मीर की आदि कवियत्री ललेश्वरी पर केंद्रित संगीतमय नाटक “एक आवाज़ मोहब्बत की ललेश्वरी” का मंचन रूबरू द्वारा एल टी जी सभागार मंडी हाउस में किया गया । इस नाटक का चयन वर्ष 2022 के 10 सर्वश्रेष्ठ नाटकों में हुआ था।

लल्लेश्वरी या लल्ल-द्यद के नाम से जाने वाली चौदवहीं सदी की एक भक्त कवियित्री थी जो कश्मीर की शैव भक्ति परम्परा और कश्मीरी भाषा की एक अनमोल कड़ी थीं। ललद्यद की काव्य- शैली को ‘वाख’ कहा जाता है। वाख कश्मीरी भाषा का एक छंद है, जिसमें चार पंक्तियों में कवि ने अपनी बात कही है। लल वाख के नाम से जानी जाने वाली उनके छंद कश्मीरी भाषा में सबसे शुरुआती रचना हैं और आधुनिक कश्मीरी साहित्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं ।

जिस तरह हिंदी में कबीर के दोहे, मीरा के पद, तुलसी की चौपाई और रसखान के सवैये प्रसिद्ध हैं, उसी तरह ललद्यद के वाख प्रसिद्ध हैं। अपने वाखों के ज़रिए उन्होंने जाति और धर्म की संकीर्णताओं से ऊपर उठकर भक्ति के ऐसे रास्ते पर चलने पर ज़ोर दिया जिसका जुड़ाव जीवन से हो। उन्होंने धार्मिक आडंबरों का विरोध किया और प्रेम और इंसानियत को सबसे बड़ा मूल्य बताया। उनके अनुसार शिव यानी ईश्वर हर जगह बसा हुआ है, चाहे वो जल हो, आकाश हो धरती हो या प्राणी, यहाँ तक कि हमारे अंदर भी ईश्वर बसा हुआ है। वह किसी व्यक्ति को ऊँच-नीच, भेद-भाव की दृष्टि से नहीं देखता, बल्कि वह सबको को एक ही नजर से देखता है।

रुबरू थिएटर की फाउंडर काजल सूरी द्वारा लिखित और उनके ही निर्देशन में पेश किए गए इस नाटक में मेकअप मुहम्मद राशिद ने किया और मंच पर जसकीरन चोपड़ा, राजीव शर्मा, शुभम शर्मा, दीनू शर्मा, स्वाति सिन्हा, चांद मुखर्जी, राहुल मल्होत्रा, कर्नल गुप्ता, आफताब, अदिता आदि सभी ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया । इस नाटक की नृत्य संरचना मनन सद, नृत्य कलाकार गीता सेठी, शिवम, नीरज तिवारी, शुभांगी और प्रियंका द्वारा हुई । संगीत संचालन शशांक द्वारा एवं लाइट्स सुनील चौहान ने बखूबी संभाली । सेट डिजाइनर गौतम जसवाल और स्टेज प्रबंधक दीपक मोरियाल, बैक स्टेज टीम का अहम हिस्सा रहे । रुबरू थिएटर ग्रुप के अध्यक्ष समीर खान और प्रोडक्शन मैनेजर रोहित कुमार ने पूरे कार्यक्रम को बखूबी संभाला ।